सूरत आउटर रिंग रोड परियोजना: सरकार का 30% हिस्सा, नगर निगम पर बोझ कम
नई शेयर होल्डिंग पार्टी से परियोजना को मिलेगी गति
सूरत। सूरत के आउटर रिंग रोड परियोजना को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सूरत नगर निगम की स्थायी समिति में प्रस्ताव पेश किया गया है जिसमें सरकार, सूरत नगर निगम (एसएमसी) और सूरत विकास प्राधिकरण (सूडा) के बीच नई शेयरधारिता का प्रावधान किया गया है।
इस नए प्रस्ताव के अनुसार, 90 मीटर चौड़ी आउटर रिंग रोड परियोजना में सरकार 30%, एसएमसी 35% और सूडा 35% हिस्सेदारी रखेंगे। इससे सूरत नगर निगम और सूडा पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ में कमी आएगी।
सरकार की भागीदारी के लाभ से वित्तीय बोझ में कमी होगी। राज्य सरकार द्वारा यूआरडीसीएल कंपनी को सीधा अनुदान आवंटित किया जा सकेगा, जिससे एसएमसी और सूडा पर वित्तीय बोझ कम होगा। नीति आयोग द्वारा सूरत को चयनित शहरों में शामिल किया गया है। यह परियोजना राज्य और देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
राज्य सरकार के संसाधनों से परियोजना की प्रभावशीलता और प्रभाव में वृद्धि की उम्मीद है। राज्य सरकार की भागीदारी से क्षेत्र और राष्ट्रों की जीडीपी व्यापक विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले आउटर रिंग रोड पर सूरत नगर निगम का बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होने की संभावना थी। सरकार की 30% हिस्सेदारी से नगर निगम और सूडा पर वित्तीय बोझ कम हो जाएगा।