नई दिल्ली : इतिहास के पन्नों में 20 सितंबरः बहादुरशाह जफर का आत्मसमर्पण

20 सितंबर 1857, जब आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने आत्मसमर्पण किया

नई दिल्ली : इतिहास के पन्नों में 20 सितंबरः बहादुरशाह जफर का आत्मसमर्पण

नई दिल्ली : 20 सितंबर 1857, जब आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने आत्मसमर्पण किया। बहादुर शाह जफर को ब्रिटिश मेजर हॉसॉन ने पकड़ा था।

दरअसल, मई 1857 में आजादी का पहला संग्राम शुरू हुआ, जिसके बाद अंग्रेजों ने मौजूदा पुरानी दिल्ली की तीन महीने तक घेराबंदी की थी। 14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई। 17 सितंबर को बहादुरशाह जफर को लालकिला छोड़ना पड़ा।

20 सितंबर को बहादुरशाह जफर ने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें कैदी बनाकर लाल किला लाया गया। इसके साथ अंग्रेजों ने दिल्ली पर फिर से कब्जा स्थापित किया। अंग्रेजों ने बहादुरशाह जफर के तीन बेटों को इसी दिन उन्हीं के आंखों के सामने गोली मार दी थी। 21 सितंबर को अंग्रेजों ने बहादुरशाह जफर के खिलाफ मुकदमा चलाया और उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां बहादुरशाह जफर ने अंतिम सांसें लीं।

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