नई सदी के स्व-निर्मित उद्यमों में डीमार्ट सबसे आगे, शीर्ष तीन में जोमैटो, स्विगी भी शामिलः हुरुन
मुंबई, 18 दिसंबर (भाषा) राधाकिशन दमानी प्रवर्तित सुपरमार्केट शृंखला ‘डीमार्ट’ इस सदी में अपने दम पर मुकाम बनाने वाले उद्यमी द्वारा स्थापित सबसे मूल्यवान भारतीय कंपनी बनकर उभरी है जिसका मूल्यांकन 3.42 लाख करोड़ रुपये है। हुरुन इंडिया की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई।
डीमार्ट का संचालन करने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमार्केट का मूल्य इस साल 44 प्रतिशत बढ़ा जबकि दीपिंदर गोयल द्वारा स्थापित जोमैटो का मूल्यांकन 190 प्रतिशत बढ़कर 2.51 लाख करोड़ रुपये हो गया। जोमैटो हुरुन इंडिया द्वारा संकलित सूची में दूसरे स्थान पर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जोमैटो की प्रतिद्वंद्वी और श्रीहर्ष मजेटी एवं नंदन रेड्डी द्वारा स्थापित स्विगी 1.01 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ तीसरे स्थान पर रही है।
पिछले साल भी दमानी की डीमार्ट वर्ष 2000 के बाद अपने दम पर आगे बढ़ने वाली कंपनियों की सूची में शीर्ष पर थी जबकि फ्लिपकार्ट और जोमैटो क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर थीं।
पिछले साल शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल रहीं फ्लिपकार्ट, पेटीएम, मैक्स हेल्थकेयर और क्रेड इस बार सूची से बाहर हो गई हैं।
हुरुन की नवीनतम सूची में दीप कालरा एवं राजेश मागो द्वारा स्थापित मेकमाईट्रिप 99,300 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ चौथे स्थान पर है जबकि यशीश दहिया एवं आलोक बंसल द्वारा स्थापित पॉलिसी बाजार छठे स्थान पर है।
भावित सेठ और हर्ष जैन द्वारा स्थापित ड्रीम11 सातवें स्थान और हर्षिल माथुर और शशांक कुमार द्वारा स्थापित रेजरपे नौवें स्थान पर हैं।
फाल्गुनी नैयर द्वारा स्थापित ऑनलाइन सौंदर्य प्रसाधन विक्रेता नाइका सूची में 19 महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित व्यवसायों में शीर्ष पर है।
आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट और हुरुन इंडिया की सहस्राब्दी-2024 की शीर्ष 200 स्व-निर्मित उद्यमियों की रिपोर्ट में यह सूची दी गई है। वर्ष-2000 के बाद अपने उद्यम स्थापित करने वाले शीर्ष 200 स्व-निर्मित उद्यमियों के लिए प्रत्यक्ष कर व्यय पिछले वर्ष 10 प्रतिशत घटकर 4,570 करोड़ रुपये रह गया।
इन कंपनियों के पसंदीदा स्थान के रूप में बेंगलुरु शीर्ष पर है जहां शीर्ष 200 कंपनियों में से 66 के मुख्यालय हैं जबकि मुंबई 36 कंपनियों के मुख्यालय के साथ दूसरे स्थान पर है।
इस सूची में शामिल कंपनियों के कई संस्थापकों का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली से जुड़ाव रहा है। इन 200 कंपनियों में लगभग 10 लाख लोग कार्यरत हैं।