सूरत : दुबई से ऑपरेट हो रहा था साइबर फ्रॉड का जाल, साइबर क्राइम ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया

बैंकों में खातों को किराए पर लेकर लाखों की ठगी, 11 अभी भी फरार

सूरत : दुबई से ऑपरेट हो रहा था साइबर फ्रॉड का जाल,  साइबर क्राइम ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया

सूरत शहर में एक बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने दुबई से ऑपरेट हो रहे एक गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को बैंकों में खाते खोलने के लिए लालच देकर, उन खातों को किराए पर लेकर देशभर में साइबर अपराधों को अंजाम दे रहा था।

पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य लोगों से 10 से 12 हजार रुपये में बैंक खाते किराए पर लेते थे। फिर इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए करते थे। सूरत साइबर क्राइम टीम ने इस मामले में 11 अन्य आरोपियों को भी वांछित घोषित किया है।

गिरोह का मोडस ऑपरेंडी

यह गिरोह लोगों को बैंकों में खाते खोलने के लिए लालच देता था। एक बार खाता खुल जाने के बाद, खाताधारक से बैंक किट और सिम कार्ड ले लिया जाता था। इन डिटेल्स का इस्तेमाल दुबई में बैठे अन्य गिरोह के सदस्य ऑनलाइन ठगी के लिए करते थे। वे एसएमएस, व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए लोगों को धोखा देते थे।

पुलिस ने राज प्रकाशभाई रैयानी, विजय मगनभाई ओड, महेशकुमार रामजीभाई भादियादरा, चंद्रेश दयालभाई काकडिया, हार्दिक भूपतभाई पोपटभाई देसाई और थानिगैवेल थिरुगननम को गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ आरोपियों के खिलाफ पहले से ही कई अपराध दर्ज हैं।

पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 मोबाइल, 1 टैबलेट, 16 केनरा बैंक अकाउंट किट, विभिन्न बैंकों के 19 डेबिट कार्ड और 78 सिम कार्ड जब्त किए हैं।

पुलिस अभी भी विजय परमार, मुकेश परमार, मयंक सोजित्रा, अरुण, अजय काकड़िया, तुषार, राजूभाई, नीलेश वघासिया, मितेश पटेल, केतन वाघेला और मिलन दर्जी को ढूंढ रही है। ये सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं।

 

 

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