मक्के की खेती में लागत कम, मुनाफा दोगुना

अगले साल मक्के की खेती का रकबा और बढ़ाया जाएगा

मक्के की खेती में लागत कम, मुनाफा दोगुना

हमीरपुर, 22 जुलाई (हि.स.)। इस साल समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में किसानों ने मक्के की खेती शुरू की है। इन दिनों खेतों में मक्के समेत अन्य खरीफ की फसलों की बोआई कराने में किसान खेतों में डेरा डाले हैं। इस बार कृषि डिपार्टमेंट किसानों को मक्के के बीज उपलब्ध नहीं करा पाया है क्योंकि राजकीय बीज गोदाम में मक्के समेत अन्य फसलों के बीज गायब हैं।

प्रगतिशील किसान रघुवीर सिंह व ऋषि शुक्ला ने बताया कि मक्के की खेती में लागत बहुत कम आती है लेकिन मुनाफा दोगुना होता है। इसकी फसल कम पानी में भी हो जाती है। अगले साल मक्के की खेती का रकबा और बढ़ाया जाएगा।

उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल में मक्के की खेती का दायरा शासन ने बढ़ाया है। इस साल 24 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्के की बोआई किसान कर रहे है। कहीं-कहीं मक्के की बोआई भी हो गई है। पिछले साल 11 हेक्टेयर रकबे में मक्के की खेती हुई थी लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार 13 हेक्टेयर अधिक क्षेत्रफल क्षेत्रफल में मक्के की फसल की बोआई किसान करा रहे हैं।

बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल में बारिश होने के बाद किसान खरीफ की बोआई कराने के लिए खेतों में डेरा डाले है। उपनिदेशक कृषि ने बताया कि मंडल के महोबा जिले में अबकी बार सर्वाधिक दस हेक्टेयर रकबे में मक्के की खेती किसानों ने शुरू की है। वहीं हमीरपुर में पांच हेक्टेयर में व चित्रकूट में सबसे कम चार हेक्टेयर रकबे में मक्के की बोआई कराई जा रही है। बताया कि बांदा जिले में भी पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्के की खेती किसानों ने शुरू की है।

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