सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान भवन की एक और सिद्धि, एक साथ दर्ज हुये दो वर्ल्ड रिकॉर्ड
By Loktej
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वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में एक साथ दो रिकॉर्ड दर्ज हुये, भवन के अध्यक्ष डॉ. योगेश जोगसन एवं प्राध्यापक की गौरवपूर्ण उपलब्धि की प्रशंसा करते हुए कुलाधिपति डॉ. नितिनभाई पेथानी
सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान भवन के प्रोफेसरों, छात्रों और पूर्व छात्रों ने कोरोना काल के दौरान 81,000 से अधिक लोगों को टेलीफोन के साथ-साथ आमने-सामने मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन किया और अब तक 126 से अधिक सामाजिक रूप से उपयोगी सर्वेक्षणों के साथ-साथ शोध लेख भी लिखे। इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण लोगों में कोरोना के प्रति सच्ची समझ और टीकाकरण जागरूकता के लिए प्रेरणा प्रदान करने के लिए स्वयं 3 से अधिक गांवों का दौरा किया।
भारत के विश्व रिकॉर्ड ने इस मामले को संज्ञान में लिया और भवन के नाम पहला रिकॉर्ड दर्ज किया। इसके अलावा मनोविज्ञान भवन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मनोविज्ञान मेले को भी वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में स्थान मिला है। यह पहली बार है जब मनोविज्ञान मेले की 9000 से अधिक लोगों ने मुलाकात ली हो। इस मौके पर उपस्थित सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ नितीन पेथानी ने भवन के सभी अध्यापक और छात्रों को अभिनंदन देते हुये कहा कि यह घटना काफी गौरवशाली है, जो की यूनिवर्सिटी के लिए प्रेरणादायी बना रहेगा। डॉ नितीन ने यह भी कहा कि यह तो मात्र शुरुआत है और भवन अभी भी कई शिखर तय करेगा।
उप कुलपति डॉ विजय देशाणी ने श्रीमद भगवदगीता का संदर्भ देते हुये कहा कि सत्कर्म कर के यदि आप उसे भूल जाये तो फल देने की ज़िम्मेदारी भगवान की होती है। मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन द्वारा उन्होंने कई लोगों की जान बचाई है, उनके इस काम में उन्हें भगवान का साथ हमेशा ही मिला है। कार्यक्रम में उपस्थित अंग्रेजी भवन के डॉ जयदीप सिंह डोडिया ने बताया की लोकडाउन के दूरण स्वास्थ्य या अन्य किसी भी चीज की चिंता किए बिना सभी अध्यापक और छात्र लोगों की सेवा के लिए आगे आए थे।
वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट श्री पावन सोलंकी ने अपने प्रासंगिक उद्बोधन में मनोविज्ञान भवन की तारीफ करते हुये कहा की उनके इतने सालों के अनुभव में किसी भी संस्था द्वारा उन्होंने इतना उम्दा कार्य नहीं देखा है। एक साथ भवन को दो वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए है। इस बात की उन्हें खुशी और गर्व दोनों है। भवन के अध्यक्ष डॉ योगेश जोगसन, डॉ धारा बेन दोषी, डॉ डिम्पल बेन रामाणी और डॉ हसमुख चावडा सहित सभी को सर्टिफिकेट तथा मेडल से नवाजा गया था। डॉ योगेश जोगसन और भवन के सभी अध्यापक सभी ने अपना संशोधन कार्य तथा सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाने के लिए सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के सीनियर सिंडीकेट सदस्य डॉ नेहलभाई शुक्ल, डॉ मेहुलभाई रूपाणी, डॉ भाविनभाई कोठारी, डॉ धरमभाई कंबलिया और डॉ हरदेव सिंह जाडेजा सहित सभी सत्तामण्डल के सदस्य ने हमेशा साथ दिया है।
सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के निरंतर कार्यरत कुलपति नितीन पेथानी मनोविज्ञान विषय के काफी कर्मठ अध्यापक है। मूल जूनागढ़ के रहने वाले डॉ पेथानी काफी सरल व्यक्तित्व के आदमी है। विरमगाम कॉलेज के आचार्यपद तथा यूनिवर्सिटी के ग्रंथ निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर उनका नाम काफी मशहूर है। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान भवन के सेवाकीय कार्यों में उनका मार्गदर्शन काफी सराहनीय है। इस मौके पर सिंडीकेट सदस्य डॉ धरम कंबलिया, गुजराती भवन के अध्यक्ष डॉ मनोज जोशी, मारवाड़ी यूनिवर्सिटी के डॉ दीपक मशरू तथा अंग्रेजी बोर्ड सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी के चैरमेन डॉ ईरोस वाजा खास तौर पर उपस्थित रहे थे।