इंदौरः क्रिकेट के दीवाने नहीं, फिर भी रहता है मैच का इंतजार
रोजी-रोटी की जुगाड़ करने वालों की एक दिन में हो जाती है महीने भर की कमाई
इंदौर, 24 सितंबर (हि.स.)। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला का दूसरा मुकाबला रविवार को इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मुकाबले को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में तो खासा उत्साह देखने को मिल ही रहा है, लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है, जिसे क्रिकेट से ज्यादा कमाई में दिलचस्पी रहती है। ये क्रिकेट के दीवाने नहीं हैं। मैच का तो इन्हें क, ख, ग भी नहीं आता है, फिर भी कहीं से खबर मिल जाती है कि इस तारीख को यहां क्रिकेट होने वाला है तो बस खेल प्रेमियों के साथ यह भी इस दिन का इंतजार करने लगते हैं। वह इसलिए कि इस एक दिन के खेल में इनकी महीने भर की रोजी-रोटी की जुगाड़ (कमाई) हो जाती है।
क्रिकेट प्रेमी तो इंदौर में मैच की तारीख तय होते ही टिकट की जुगाड़ में लगा जाते हैं। दरअसल, स्टेडियम में बैठकर अपने स्टार खिलाड़ियों को खेलते देखकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। इसके लिए वे किसी भी तरह से टिकट प्राप्त कर ही लेते हैं। इन क्रिकेट के दीवानों के अलावा एक तबका ऐसा भी है, जिसे क्रिकेट मैच का इंतजार रहता है। यह वह लोग हैं जो सड़कों के किनारे फुटपाथ पर बैठकर अपनी रोजी-रोटी के लिए कुछ न कुछ सामान बेचते हैं। इनकी सबसे अधिक कमाई गणेश चतुर्थी पर निकलने वाले चल समारोह, तीन दिनों तक मिलों में रखी जाने वाली झांकियों के अलावा रंगपंचमी का चल समारोह और नवरात्रि, शिवरात्रि के मेलों में होती है। इसके अलावा क्रिकेट मैच के दौरान भी यह अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं।
दिक्कतों का भी सामना
कई बार इन्हें दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है, क्योंकि सुरक्षा के चलते पुलिस इनकी दुकान हटा देती है। हालांकि हटाए जाने के बाद ये दूसरी जगह जहां ज्यादा भीड़ रहती है अपनी दुकान सजा लेते हैं।
यह सामान बेचा
होलकर स्टेडियम के बाहर सड़क किनारे रविवार को सुबह भी फुटपाथ पर लगी अस्थाई दुकानें दिखाई दीं, जहां क्रिकेट के दीवानों का पसंदीदा सामान खिलाड़ियों की टी शर्ट, रंग-बिरंगी टोपी, अलग-अलग रंग के बाल, चेहरे पर लगाने वाले तिरंगे कलर, आवाज करने के लिए पुंगी और अन्य तरह के सामान की दुकान ये जरूरतमंद लोग लगाते हैं और एक दिन में ही कई दिनों की कमाई कर लेते हैं।
अलग दिखने की चाह में होती है कमाई
यह सामान इसलिए भी बिक जाता है क्योंकि खेल प्रेमी सबसे अलग दिखना चाहते हैं, इसलिए वे तरह-तरह के सामान खरीदते हैं, जिससे वह सबसे अलग दिखाई दें। उनके इस शौक के चलते इनकी भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है।
रात में ही जमा लेते हैं दुकान
देवगुराड़िया के रहने वाले रामकिशोर मेलों में और सड़क किनारे फुटपाथ पर दुकान लगाकर विभिन्न प्रकार का सामान बेचते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर क्रिकेट मैच की जानकारी उन्हें समाचार पत्रों से मिली थी। तभी तय कर दिया था कि स्टेडियम के आसपास कहीं भी जगह देखकर सड़क किनारे ही दुकान लगा लेंगे। इसलिए रात में ही दुकान जमाकर यहीं सो गए थे। सुबह से दोपहर तक जितनी भी पुंगियां लाए थे, सब बिक गई। शाम तक इंतजार भी नहीं करना पड़ा।
सुबह से टी-शर्ट लेकर आ गया था
नवीन नामक एक युवक स्टेडियम के बाहर खिलाड़ियों की टीम शर्ट बेच रहा था। उसने बताया कि अलसुबह से टी शर्ट लेकर आ गया था, कई लोगों ने खरीद ली है। कुछ माल बच गया तो भी नुकसान नहीं होगा।
तिरंगे बनवाने वालों से होती है कमाई
चेहरों पर तिरंगा बनाने वाले रमेश का भी यही कहना था कि आज सुबह से हाथ रूके ही नहीं हैं। कई लोग जिनमें युवक-युवतियों की संख्या अधिक थी, तिरंगा बनवाने के लिए आ रहे हैं।