सूरत : नगर निगम द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील तापी नदी के पानी में डूब गई
डक्का घाट पर गणेश उत्सव के लिए कृत्रिम तालाब बनाया गया था
सूरत में तापी नदी का जलस्तर बढ़ने पर डक्का घाट झील के चारों ओर की गई पतरे की बैरिकेडिंग रात में हटा दी गई, पानी कम होने के बाद झील का निरीक्षण किया जाएगा।
सूरत में गणेश उत्सव से पहले तापी नदी में छोड़े गए पानी से लोगों में तनाव पैदा हो गया है। तापी नदी में छोड़े गए पानी के कारण नदी का जलस्तर बढ़ा और डक्का घाट पर गणेश विसर्जन के लिए बनाया गया कृत्रिम तालाब तापी के पानी में ओवरफ्लो हो गया है। अब तापी नदी का पानी कम होने के बाद पता चलेगा कि कृत्रिम झील क्षतिग्रस्त हुई है या नहीं।
सूरत से गुजरने वाली तापी नदी में उकाई बांध से 2.97 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे सूरत के लोगों की जान सांसत में है। तापी नदी में छोड़े गए पानी के कारण तापी नदी दोनों किनारों पर बह रही है। यह पानी नवाडी घाट और डक्का घाट में भरा हुआ है। गणेश विसर्जन के लिए डक्का घाट में नगरपालिका द्वारा बनाया गया कृत्रिम तालाब भी तापी नदी के पानी से भर गया है।
तापी नदी में कल रात जल स्तर बढ़ गया जिसके कारण नगर पालिका के मध्य क्षेत्र द्वारा कृत्रिम तालाब के चारों ओर की गई पतरे की बैरिकेडिंग हटा दी गई। हालांकि, आज सुबह तक नगर पालिका द्वारा बनाई गई कृत्रिम झील तापी नदी में डूब चुकी है। इस झील में डेढ़ दिन से लेकर दस दिन तक भगवान गणेश की छोटी प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा, हालांकि अब पानी घटने के बाद इस झील में विसर्जन प्रक्रिया होगी या नहीं और कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी मिल सकेगी।