इतिहास दोहरा रहा; चीन से इटली पहुंची दो फ्लाइट्स के आधे यात्री कोविड पोजिटिव पाए गये!
चीन से नर्व वर्ष मनाने पर्यटक दुनिया भर के देशों में जाने की योजना बना रहे
साल 2020 में चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था और इस वायरस ने दुनिया में पहली बार इटली को अपनी चपेट में लिया था। लगता है एक बार फिर इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन से इटली के मिलान जाने वाली दो फ्लाइट में आधे से ज्यादा यात्री कोविड पॉजिटिव आए हैं। ऐसे में इटली ने चीन से आने वाले सभी यात्रियों का RTPCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। ज्ञातव्य है कि कोविड-19 के बीएफ7 वैरिएंट ने चीन में पहले ही कहर बरपाया हुआ है। चीन के अस्पतालों में मरीजों की भरमार है और श्मशान घाटों के बाहर लाशों के ढेर लगे हैं।
ऐसे विकट हालात के बीच चीन ने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं खोल दी हैं। चीन ने एक बार फिर सामान्य पासपोर्ट और वीजा जारी करना शुरू कर दिया है। तीन साल पहले जब कोविड शुरू हुआ तो चीन ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी। चीन ने घोषणा की है कि 8 जनवरी से चीनी नागरिक 2020 के बाद पहली बार नए साल का जश्न मनाने के लिए विदेश यात्रा कर सकेंगे। चीनी नागरिक क्रिसमस मनाने के लिए जापान, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहे हैं। चीन का ये फैसला दुनिया पर भारी पड़ सकता है क्योंकि जहां तक कोरोना बीमारी का संबंध है, फिलहाल कई देशों में स्थिति नियंत्रण में और जनजीवन सामान्य बना हुआ है।
इसी क्रम में लोम्बार्डी की क्षेत्रीय परिषद गुइडो बर्टोलासो ने कहा है कि चीन से इटली पहुंची पहली उड़ान के 92 यात्रियों में से 35 और दूसरी उड़ान के 120 यात्रियों में से 62 कोविड पॉजिटिव थे। इटली में फिर से कोरोना फैलने की वजह चीनी पर्यटक हो सकते हैं। वैसे अमेरिका, इटली, जापान, भारत और ताइवान ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि 1 जनवरी, 2023 से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिये आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें यात्रा से पहले अपनी रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।