सूरतः वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में नमो टैबलेट का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया

सूरतः वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में नमो टैबलेट का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया

गारंटी देने के बाद भी टेब्लेट न देने पर चांसलर से पेशकश

नमो टैबलेट योजना के तहत वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के छात्रों से 1000 रुपये लेने के बाद भी दो साल से नमो टैबलेट छात्रों को नहीं दिया गया। जिसके लेकर छात्र युवा संघर्ष समिति द्वारा वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में विरोध दर्ज कराया गया था। छात्रों ने यहां विभिन्न नारों और बैनरों के साथ विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय में विरोध करने वाले छात्रों के प्रदर्शन के बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल का प्रयोग किया।
16 मार्च को भी छात्रों द्वारा टैबलेट को लेकर विरोध किया था। लेकिन तब विश्वविद्यालय ने छात्रों को लिखित में आश्वासन दिया था कि बाकी सभी छात्रों को टैबलेट वितरित कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं होने के कारण गुरुवार को एक बार फिर चांसलर के समक्ष पेशकश किया गया। छात्रों को आश्वासन दिया गया कि राज्य स्तर पर सवाल उठाया जाएगा और सभी छात्रों और टैबलेट को शीघ्र प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन विश्वविद्यालय के चांसलर द्वारा बार-बार किए गए वादों पर अब छात्र भरोसा नहीं कर रहे हैं।
दर्शीत कोराट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले 2017 से नमो टैबलेट योजना की घोषणा की गई थी। दो साल पहले विवि ने छात्रों से एक हजार रुपये वसूले थे। इस योजना के तहत करीब 1.5 करोड़ रुपये जुटाए गए। दो साल से पैसे जमा करने के बावजूद छात्रों को अब तक नमो टैबलेट नहीं मिला है। लेकिन अब विवि की सिंडिकेट बैठक में फैसला लिया गया है कि छात्रों से वसूला गया पैसा वापस किया जाएगा। तो हमारी मांग है कि पहले तो रुपये वसूल लिया गया था। यदि शुल्क का भुगतान देर से किया जाता है, तो जुर्माना लगाया जाता है। तो अगर छात्र टैबलेट के लिए पैसे बचा रहे थे, तो ब्याज कौन देगा?
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