गुजरात : केवड़ी के वन विभाग ने सदियों पुराने पेड़ों को संरक्षित किया

महुडो जनजाति का कल्पवृक्ष और पवित्र माना जाता है, इसका फल, फूल सभी उपयोगी हैं

 छोटाउदपुर रेंज के केवडी वन विभाग में अनुमानित दो सदियों पुराने पेड़ों को संरक्षित किया गया है। जिसमें एक वृक्ष औषदीय उपयोगी बेहडा एवं दूसरा कल्पवृक्ष समान महुवा का है। क्षेत्र के वन अधिकारी निरंजनभाई राठवा ने बताया कि औषधीय बेहड़ा की ऊंचाई 45 से 50 मीटर है।  जिसका आकार तकरीबन 6.30 मीटर है। यानी यह वृक्ष 4 से 5 मानव हाथ फैलाये तभी बांह में ले सकते हैं, इतना विशालकाय है। उन्होंने कहा कि यदि वृक्ष 100 वर्ष की आयु तक पहुंचता है, तो परिधि एक मीटर बढ़ जाती है। इसलिए उनका अनुमान है कि इस वृक्ष की आयु 600 वर्ष से अधिक है और टोटिंग महुदा की परिधि भी 6 मीटर से अधिक है, इसलिए यह अनुमान लगाया जाता है कि ये दोनों पेड़ सदियों से एक ही उम्र के हैं।
महुडा का प्राचीन वृक्ष गुडा रेंज में स्थित है। महुडो जनजाति का  कल्पवृक्ष और पवित्र माना जाता है। इसके फल, फूल सभी उपयोगी हैं। इसलिए इसे इस क्षेत्र के लोगों द्वारा बहुत संरक्षित किया जाता है। लोगों के सहयोग से वन विभाग इस अनमोल वन संसाधन का संरक्षण कर रहा है।