अहमदाबाद के पर्यटक के ‘जिप लाइन राइड’ वीडियो में पहलगाम आतंकवादी हमले की घटना रिकॉर्ड हुई

अहमदाबाद के पर्यटक के ‘जिप लाइन राइड’ वीडियो में पहलगाम आतंकवादी हमले की घटना रिकॉर्ड हुई

अहमदाबाद, 29 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘जिप लाइन राइड’ का आनंद ले रहे अहमदाबाद के एक पर्यटक का वीडियो सोशल मीडिया पर आया है जिसमें आतंकवादियों के हमले के दौरान लोग भागते और गिरते नजर आ रहे हैं।

‘जिप लाइन राइड’ में एक ढलान पर दो बिंदुओं के बीच तार बंधा होता है जिसकी मदद से लोग गुरुत्वाकर्षण के जरिए नीचे की ओर जाते हैं।

पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।

पर्यटक ऋषि भट्ट ने ‘राइड’ के दौरान 53 सेकंड का यह वीडियो एक ‘सेल्फी स्टिक’ से शूट किया। वीडियो में भट्ट ‘राइड’ का आनंद लेते नजर आ रहे हैं लेकिन उसी दौरान जमीन पर मौजूद लोग आतंकवादी हमले के कारण अपनी जान बचाने के भागते और गिरते नजर आ रहे हैं।

अहमदाबाद निवासी भट्ट ने संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ बैसरन घाटी गए थे और उन्होंने ‘जिप लाइन राइड’ का आनंद लेने का फैसला किया।

भट्ट ‘इवेंट मैनेजमेंट’ का कारोबार करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मेरा बेटा और पत्नी सुरक्षित नीचे पहुंच गए और मैंने ‘जिप लाइन राइड’ शुरू कीश् तभी पहली गोली चली। जैसे ही मैं नीचे उतरा, मैंने देखा कि किसी से उसका धर्म पूछा कर उसे गोली मार दी गई।’’

भट्ट ने बताया कि उन्होंने खुद को ‘जिप लाइन’ से अलग किया। फिर वह जिपलाइन से कूदने के बाद अपने परिवार के साथ भागकर एक स्थान पर छिप गए जहां तीन से चार अन्य लोग पहले से छिपे हुए थे।

उन्होंने बताया कि लगभग आठ से 10 मिनट बाद जब चलाई जा रही गोलियां कम हो गईं तो वे भागे और बचकर निकलने में सफल रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘दो आतंकवादी जमीन पर खड़े होकर लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछ रहे थे और उन्हें गोली मार रहे थे। बाकी (आतंकवादी) झाड़ियों में छिपकर गोलीबारी कर रहे थे। जिस तरह से गोलियां चल रही थीं, उससे लगता है कि चार से पांच आतंकवादी थे। दो लोग जमीन पर (सामने नजर आ रहे) थे, लेकिन हमें नहीं पता कि झाड़ियों से कितने लोग गोलियां चला रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि ‘जिप लाइन’ संचालक ने उनसे पहले नौ लोगों को ‘राइड’ के लिए भेजा था।

भट्ट ने कहा, ‘‘जब मैंने ‘राइड’ पर जाने से ठीक पहले सेल्फी स्टिक तैयार की तो उसने (संचालक ने) तीन बार ‘अल्लाह हू अकबर’ कहा। इसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। वह ये शब्द बोलते हुए नीचे देखता रहा। जब हमने अगले दिन वीडियो देखा तो मुझे एहसास हुआ कि ‘अल्लाह हू अकबर’ कहने के बाद गोलीबारी शुरू हुई।

उन्होंने कहा कि उस इलाके में भारतीय सेना की मौजूदगी नहीं थी और यह जगह स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में थी।

उन्होंने कहा, ‘‘घटना के 20 मिनट के भीतर सेना ने सभी पर्यटकों को सुरक्षा दी और उन्हें पार्किंग स्थल तक ले आई।’’

उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15-20 दिन के भीतर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

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