एआई से अनजान 60 प्रतिशत भारतीय, सिर्फ 31 प्रतिशत ने किया जेन-एआई का इस्तेमालः गूगल रिपोर्ट
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग कृत्रिम मेधा (एआई) से परिचित ही नहीं हैं और सिर्फ 31 प्रतिशत लोगों ने ही सृजनात्मक एआई (जेन-एआई) के किसी उपकरण का इस्तेमाल किया है। गूगल और कांतार ने शुक्रवार को एक संयुक्त रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल और बाजार शोध कंपनी कांतार ने यहां एक कार्यक्रम में भारतीयों के बीच जेन-एआई अपनाने, उसकी क्षमता और प्रभाव को समझने के बारे में एक अध्ययन रिपोर्ट जारी की। इसके लिए 18 शहरों में 8,000 से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया गया।
रिपोर्ट में भारत में जेन-एआई अपनाने की व्यापक संभावना, जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ऐसे उपकरणों का उपयोग करने की लोगों की इच्छा और गूगल के एआई टूल 'जेमिनी' के पड़ रहे प्रभावों पर प्रकाश डाला गया है।
अध्ययन रिपोर्ट कहती है कि भारत में एआई को लेकर उत्साह बहुत ज्यादा है, लेकिन इसकी स्वीकार्यता के लिए अभी भी शुरुआती दौर है। भारत में 60 प्रतिशत लोग एआई से परिचित नहीं हैं, और सिर्फ 31 प्रतिशत लोगों ने ही जेन-एआई के किसी उपकरण का उपयोग किया है।
शोध में यह भी पता चला कि भारतीयों में सुधार और उत्कृष्टता प्राप्त करने की एक मज़बूत और सहज इच्छा है, जिसमें से 72 प्रतिशत लोग उत्पादकता बढ़ाने, 77 प्रतिशत लोग रचनात्मकता को बढ़ाने और 73 प्रतिशत लोग अपने दैनिक जीवन में अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने की तलाश में हैं।
इस मौके पर गूगल ने अपने सबसे बेहतरीन, अत्याधुनिक एआई मॉडल जेमिनी के नए फीचर भी पेश किए। इसमें जेमिनी में वीओ 2 शामिल है जो लोगों को सीधे उनके विचारों से शानदार वीडियो बनाने में मदद करता है।
वहीं ‘जेमिनी लाइव विद वीडियो’ उपयोगकर्ताओं को सिर्फ अपने कैमरे का उपयोग करके अपने आस-पास की दुनिया के बारे में स्वाभाविक, वीडियो संवाद करने में सक्षम बनाता है। जेमिनी के कैनवस, डीप रिसर्च और ऑडियो ओवरव्यू फीचर के साथ नई क्षमताएं शामिल हैं।
गूगल डीपमाइंड के वरिष्ठ निदेशक मनीष गुप्ता ने कहा, “जेमिनी गूगल के सबसे अत्याधुनिक एआई मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पहले अकल्पनीय अनुभवों को साकार करता है।”