सूरत में एसजीसीसीआई ने डीजीवीसीएल और जीईटीसीओ के साथ आयोजित किया ओपन हाउस

बिजली आपूर्ति की समस्याओं को लेकर उद्यमियों ने उठाए मुद्दे, अधिकारियों ने समाधान की दिशा में दिए आश्वासन

सूरत में एसजीसीसीआई ने डीजीवीसीएल और जीईटीसीओ के साथ आयोजित किया ओपन हाउस

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने 25 अप्रैल, 2025 को सूरत के सरसाणा स्थित एसआईईसीसी परिसर में साउथ गुजरात पावर कंपनी लिमिटेड (डीजीवीसीएल) और गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीईटीसीओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ओपन हाउस का आयोजन किया।

इस आयोजन का उद्देश्य औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से संबंधित समस्याओं को सीधे अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करना और समाधान के लिए संवाद स्थापित करना था।

चैंबर के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि बिजली केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक हर उद्योग और व्यापार के लिए बिजली की गुणवत्ता और उपलब्धता आवश्यक है।

इस ओपन हाउस में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष बी.एस. अग्रवाल, सचिन जीआईडीसी के मयूर गोलवाला, मांगरोल इंडस्ट्रीज के प्रवीण डोंगा, चैंबर समूह के अध्यक्ष किरण ठुमर, किम-पिपोदरा एसोसिएशन के किशोर बोघानी और जयंती ठुमर, पांडेसरा वीवर्स एसोसिएशन के  पवन गुप्ता, लसकाणा वीवर्स एसोसिएशन के चेतन रामाणी, संजय नकरानी, ​​अंजनी इंडस्ट्रीज के संजय नरोला, अल्पाइन इंडस्ट्रियल पार्क के नवदीप लक्कड़, भूपत वघासिया, बारडोली के केजरीवाल एस्टेट के शुभम करेलिया और सोलेक्स एनर्जी के चिंतन ने बिजली से संबंधित विभिन्न प्रश्न प्रस्तुत किये।

सचिन जीआईडीसी, किम, पिपोदरा, मांगरोल और पांडेसरा सहित विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों ने सब-स्टेशनों की कमी, केबल टूटने, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव, अतिरिक्त बिलिंग, और सौर ऊर्जा से जुड़ी समस्याओं को सामने रखा।

डीजीवीसीएल के मुख्य अभियंता एम.जी. सुरती ने बताया कि ओवरलोडिंग और केबल डैमेज की समस्या के समाधान के लिए सचिन जीआईडीसी और अन्य क्षेत्रों में रूट मार्कर और केबल वॉचर लगाए जाएंगे। इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्रों में अंडरग्राउंड केबल नेटवर्क के लिए 1200 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है और काम शुरू हो चुका है।

सचिन क्षेत्र में इस वर्ष 6-7 नए 66x11 केवी सब-स्टेशनों की योजना बनाई गई है, जिसमें एक सब-स्टेशन तलंगपुर, एक लक्ष्मी पार्क और एक मल्टी-लेवल सब-स्टेशन की विशेष योजना शामिल है।

सुरती ने बताया कि औद्योगिक और ग्रामीण उपभोक्ताओं को एक ही फीडर से बिजली मिलने के कारण गुणवत्ता प्रभावित होती है। अब उद्योगों को अलग से लाइनें उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि गुणवत्तापूर्ण बिजली सुनिश्चित हो सके।

जीईटीसीओ के मुख्य अभियंता के.एच. राठौड़ ने बताया कि सौर ऊर्जा के कारण ग्रिड पर असर पड़ा है, जिसके चलते वोल्टेज में असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके समाधान के लिए हाई वोल्टेज रिएक्टर्स लगाए जा रहे हैं। साणंद और आणंद जैसे क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर उद्योगों की स्थापना के मद्देनज़र विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।

भरूच क्षेत्र की अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीमती पन्नाबेन नायक ने बताया कि जेटको द्वारा वर्ष 2024-25 में 174 पैनल उद्योगपतियों को आवंटित किए गए हैं और 14 नई लिंक लाइनों के माध्यम से सूरत और भरूच के लिए नेटवर्क विस्तार किया जा रहा है। खजोद सहित अन्य क्षेत्रों में डिजिटल वर्टिकल हाई-टेक्नोलॉजी सबस्टेशनों की स्थापना की जा रही है।

इस ओपन हाउस में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष बी.एस. अग्रवाल, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और डीजीवीसीएल-जेटको के अधिकारियों के बीच प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन भी हुआ, जिसमें अधिकारियों ने उद्यमियों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया और समाधान का आश्वासन भी दिया।

ओपन हाउस के सफल आयोजन पर चैंबर के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संचालन चैंबर समूह के चेयरमैन डॉ. अनिल सरावगी और सलाहकार सुरेश पटेल ने किया।

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