सूरत : पहलगाम हमले में शहीद हुए शैलेश कलथिया की पत्नी का सरकार से तीखा सवाल

"क्या कर चुकाने वाले का जीवन, जीवन नहीं है?" आतंकवाद और व्यवस्था पर भी उठाए सवाल

सूरत : पहलगाम हमले में शहीद हुए शैलेश कलथिया की पत्नी का सरकार से तीखा सवाल

सूरत। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में सूरत निवासी शैलेश कलथिया की मौत के बाद सूरत में शोक और आक्रोश का माहौल देखने को मिला। मृतक की पत्नी शीतलबेन कलथिया ने अंतिम संस्कार के दौरान नेताओं की मौजूदगी में सरकारी तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था पर तीखे सवाल उठाए, जो हर आम नागरिक की पीड़ा को आवाज देते प्रतीत हुए।

हमले में सूरत के शैलेश कलथिया समेत 28 लोगों की जान गई, जिसमें भावनगर के दो लोग भी शामिल थे। शैलेशभाई का शव 23 अप्रैल की रात सूरत लाया गया और 24 अप्रैल की सुबह अंतिम संस्कार किया गया। पार्थिव शरीर के आगमन पर पूरा परिवार और मोहल्ला शोक से व्याकुल हो गया।

अंतिम यात्रा में केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल, राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी, सांसद मुकेश दलाल, विधायक कुमार कानानी और विधायक वीनू मोरडिया समेत कई नेता उपस्थित थे।

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इसी दौरान शीतलबेन ने नेता और सरकार के सामने अपना दर्द और गुस्सा स्पष्ट शब्दों में व्यक्त किया। उन्होंने कहा "इन लड़कों का भविष्य क्या है?
मैं अपने बेटे को इंजीनियर और बेटी को डॉक्टर बनाना चाहती हूं। ये सपना अब अधूरा लगता है। क्या कर चुकाने वाले का जीवन, जीवन नहीं होता?
सरकार हमसे टैक्स लेती है, टोल टैक्स वसूलती है, लेकिन जब ज़रूरत होती है तब कोई सहायता नहीं मिलती।"

नेताओं के चेहरों पर खामोशी छा गई, शीतलबेन का आक्रोश शब्दों से अधिक व्यवस्था की असफलता की गूंज बन गया। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी सुविधाएं बनाए रखने में व्यस्त है, लेकिन आम नागरिकों की सुरक्षा और भविष्य के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनती। शीतलबेन की ये बातें सूरत ही नहीं, पूरे देश के लिए सोचने का विषय बन गई हैं।

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