सूरत : उधना रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 1 अस्थायी रूप से बंद, 7 ट्रेनों का ठहराव स्थगित
कॉनकोर्स निर्माण के चलते 120 दिनों तक बंद रहेगा प्लेटफॉर्म, प्रभावित ट्रेनें अब सूरत स्टेशन से संचालित होंगी
सूरत। उधना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 को कॉनकोर्स निर्माण कार्य के चलते 15 अप्रैल से 120 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रुकने वाली सभी ट्रेनों को प्लेटफॉर्म नंबर 2, 3, 4 या 5 पर स्थानांतरित किया जाएगा। साथ ही, गुजरात क्वीन, फ्लाइंग रानी, सौराष्ट्र एक्सप्रेस समेत सात प्रमुख ट्रेनें अब 120 दिनों तक उधना स्टेशन पर नहीं रुकेंगी, बल्कि उनका ठहराव केवल सूरत रेलवे स्टेशन पर होगा।
रेलवे प्रशासन के अनुसार, उधना स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर कॉनकोर्स के पिलर लगाने का कार्य शुरू किया गया है। इससे पहले प्लेटफॉर्म 2, 3 और 4 पर यह काम पूरा किया जा चुका है। अब प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर 15 जून 2025 तक यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी।
प्रभावित ट्रेनें जो अब सूरत स्टेशन से रवाना होंगी:
19033 - गुजरात क्वीन
12921 - फ्लाइंग रानी (सूरत-मुंबई सेंट्रल)
59049 - वलसाड-विरमगाम पैसेंजर
19101 - विरार-भरूच मेमू
19015 - सौराष्ट्र एक्सप्रेस
69151 - वलसाड-सूरत मेमू
19417 - बोरीवली-वटवा पैसेंजर
रेलवे विभाग ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति और स्टेशन की जानकारी की पूर्व पुष्टि करें, ताकि असुविधा से बचा जा सके।
उधना स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। रेलवे ने भरोसा दिलाया है कि निर्धारित समयसीमा में कार्य पूरा कर प्लेटफॉर्म को पुनः शुरू किया जाएगा।
उधना-दानापुर स्पेशल ट्रेन आईसीएफ कोच के साथ चलाई जाएगी
रविवार को उधना-जयनगर ट्रेन के रवाना होने के बाद भी यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने उधना से दानापुर तक विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की। लेकिन इस विशेष ट्रेन के लिए इस्तेमाल होने वाले रेल डिब्बों के देरी से आने के कारण रेलवे ने एक अतिरिक्त रैक तैयार कर लिया है। रेलवे ने उधना-दानापुर ट्रेन को आईसीएफ कोचों के साथ चलाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, आईसीएफ कोच वाला रैक सूरत पहुंच गया है। अतिरिक्त कोच के आवंटन से विशेष रेलगाड़ियों के परिचालन में आसानी होगी। क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जाने वाली ट्रेनें लौटते समय देरी से आ रही हैं। इसलिए यहां से गुजरने वाली ट्रेनें देरी से चल रही हैं। फिर, अतिरिक्त कोचों वाली विशेष रेलगाड़ियां समय पर चलने में उपयोगी साबित होंगी।