20625/20626 चेन्नई-भगत की कोठी ट्रेन के रूट को लेकर उठी मांग, जालोर-समदड़ी मार्ग से संचालन की अपील
सूरत। चेन्नई से राजस्थान के जोधपुर तक प्रस्तावित 20625/20626 भगत की कोठी एमजीआर चेन्नई एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर अब रूट परिवर्तन की मांग उठने लगी है। पूर्व डीआरयूसीसी सदस्य गणपत भंसाली ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस ट्रेन का संचालन आबूरोड-पाली-मारवाड़ जंक्शन की बजाय जालोर-मोदरान-मोकलसर-समदड़ी होते हुए भगत की कोठी तक किया जाए।
गणपत भंसाली ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान में दक्षिण भारत से जोधपुर के लिए पहले से कई ट्रेनें वाया आबूरोड-पाली रूट से संचालित हो रही हैं, जिनमें चेन्नई, बेंगलुरु और सिकंदराबाद जैसी जगहों से चलने वाली लगभग 14 ट्रेनें शामिल हैं। ऐसे में इस रूट के यात्रियों को पहले से ही पर्याप्त सुविधा प्राप्त है, जबकि जालोर-समदड़ी क्षेत्र की बड़ी आबादी अब भी सीधी रेल सेवा से वंचित है।
उन्होंने तर्क दिया कि जालोर, भीनमाल, मोदरान, मोकलसर, समदड़ी, बालोतरा, पादरू, जसोल और बाड़मेर सहित इस मार्ग पर स्थित कस्बों और शहरों के लाखों लोग चेन्नई, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में रोजगार और व्यवसाय के लिए बसे हुए हैं। यदि यह ट्रेन इस रूट से चलाई जाती है तो इन क्षेत्रों के लोगों को सीधी सुविधा मिलेगी और रेलवे को यात्रियों की बड़ी संख्या के साथ पर्याप्त राजस्व भी प्राप्त होगा।
भंसाली ने यह भी उल्लेख किया कि इस रूट से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों जैसे राजेन्द्र सूरी जैन तीर्थ मांडोली, नाकोड़ा तीर्थ, भटियाणी माता मंदिर जसोल और ब्रह्मधाम आसोतरा तक पहुंचने में काफी सहूलियत होगी। वर्तमान प्रस्तावित रूट से इन तीर्थ स्थलों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को तीन से चार घंटे अतिरिक्त लगते हैं, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक है।
इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि वर्तमान में साप्ताहिक रूप से चल रही यशवंतपुर-बाड़मेर ट्रेन संख्या 14805/14806 की फ्रीक्वेंसी बढ़ाकर सप्ताह में तीन दिन की जाए, जिससे दक्षिण भारत से आने-जाने वाले यात्रियों को अधिक विकल्प मिल सकें।
गणपत भंसाली द्वारा भेजे गए इस पत्र की प्रतिलिपि पाली सांसद पी पी चौधरी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जालोर सांसद लुंबाराम चौधरी और जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी को भी भेजी गई है। पत्र 13 अप्रैल 2025 को ईमेल और स्पीड पोस्ट के माध्यम से प्रेषित किया गया है।
क्षेत्रीय यात्रियों की इस लंबे समय से लंबित मांग के परिप्रेक्ष्य में अब यह देखना अहम होगा कि रेल मंत्रालय इस सुझाव पर क्या निर्णय लेता है। यदि मांग स्वीकार होती है तो यह जालोर-समदड़ी क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।