रायपुर में भारत के पहले गैलियम-नाइट्रेट आधारित सेमीकंडक्टर संयंत्र की आधारशिला रखी गई
रायपुर, 11 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को नया रायपुर में देश की पहली गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) आधारित सेमीकंडक्टर संयंत्र की आधारशिला रखी।
इस मौके पर पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ईश्वर राव नंदम ने राज्य में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने की घोषणा की।
उन्होंने बताया कि संयंत्र से उत्पादन जल्द ही शुरू हो जाएगा। संयंत्र से 2030 तक सालाना 10 अरब चिप उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
संयंत्र में पांच और तीन नैनोमीटर की अत्याधुनिक चिप का उत्पादन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दूरसंचार उपकरण पैकेजिंग सुविधा दूरसंचार बुनियादी ढांचे, इंटरनेट ऑफ थिंग्स ‘आईओटी’, और उपग्रह संचार के लिए महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर मॉड्यूल के उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाएगी।
कुल 1,143 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह परियोजना छत्तीसगढ़ और भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में सबसे आगे रखेगी।
यह चिप न केवल रोजमर्रा के उपकरणों को चलाने में उपयोग में आएंगे, बल्कि वे भविष्य को भी गति देंगे। यह अगली पीढ़ी के 5जी और 6जी नेटवर्क, उच्च प्रदर्शन वाले लैपटॉप, रक्षा प्रौद्योगिकी, आंकड़ा विश्लेषण जैसे क्षेत्रों को आगे बढ़ाने में मददगार होगा।
इस संयंत्र की स्थापना भारत की सेमीकंडक्टर आयात पर निर्भरता कम करने और वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वैश्विक स्तर पर, गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) को सेमीकंडक्टर की दुनिया में एक पासा पलटने वाले के रूप में देखा जा रहा है। जीएएन चिप तेज, अधिक ऊर्जा-कुशल और अत्यधिक टिकाऊ हैं, जो उन्हें अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों के लिए आदर्श विकल्प बनाते हैं।
अब तक, इस तरह की चिप के लिए भारत को विदेश पर निर्भर रहना पड़ा है। हालांकि, उनके घरेलू उत्पादन की शुरुआत न केवल इस मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को भी बढ़ावा देगी।