देश के लिए महात्मा फुले का अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा : पीएम मोदी
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को हर पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक बताया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर महात्मा फुले को याद करते हुए लिखा,“मानवता के सच्चे सेवक महात्मा फुले को उनकी जयंती पर सादर नमन। उन्होंने समाज के शोषित और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
देश के लिए उनका अमूल्य योगदान हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।” प्रधानमंत्री ने इस संदेश के साथ एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें महात्मा फुले के जीवन, विचारों और उनके समाज सुधार के कार्यों को दर्शाया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी महात्मा फुले की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,“महान समाज सुधारक, शिक्षाविद और विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। देश के वंचितों और पिछड़ों के सशक्तिकरण के लिए आजीवन कटिबद्ध महात्मा ज्योतिबा फुले, आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने।
‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना के माध्यम से समाज को कुरीतियों से मुक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। शिक्षा, समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले महात्मा का जीवन अनुकरणीय है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई प्रमुख नेताओं ने भी महात्मा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की।सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, “प्रतिबद्ध समाज सुधारक, वंचितों-उपेक्षितों के प्रखर स्वर महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! जाति प्रथा, असमानता, अशिक्षा जैसी समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के उन्मूलन हेतु उनका संघर्ष प्रेरणादायक और समूची मानवता के लिए मार्गदर्शक है।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने पोस्ट में कहा,“वंचितों, शोषितों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना जीवन समर्पित करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। आपके अमूल्य विचार एवं समाज सुधार के कार्य हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”
महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को हुआ था। उन्होंने अपना जीवन समाज की पिछड़ी जातियों, महिलाओं और शोषित वर्गों के उत्थान को समर्पित किया। वे ‘सत्यशोधक समाज’ के संस्थापक थे और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक क्रांति के अग्रदूत माने जाते हैं।