प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों को यूपीआई से जोड़ने का प्रस्ताव पेश किया

प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों की भुगतान प्रणालियों को यूपीआई से जोड़ने का प्रस्ताव पेश किया

(सागर कुलकर्णी)

बैंकॉक, चार अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बिम्सटेक’ (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) समूह को नयी गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत के ‘यूपीआई’ (यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस) को इसके सदस्य देशों की भुगतान प्रणालियों से जोड़ने का शुक्रवार को प्रस्ताव रखा।

इस कदम से क्षेत्र में व्यापार, कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।

यहां छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की स्थापना करने, वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने तथा क्षेत्र के भीतर स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर विचार करने का भी प्रस्ताव रखा।

संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप में म्यांमा और थाईलैंड में हुई जान-माल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की।

मोदी ने आपदा प्रबंधन के लिए भारत में ‘बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा, ताकि आपदा तैयारी, राहत एवं पुनर्वास पर सहयोग किया जा सके।

बिम्सटेक एक क्षेत्रीय पहल है जिसमें भारत के पड़ोसी देश थाईलैंड, म्यांमा, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।

थाईलैंड द्वारा आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमा, श्रीलंका और भूटान के नेता भाग ले रहे हैं।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में समृद्धि, सुरक्षा और समावेशिता के लिए साझा प्रतिबद्धता को साकार करने के वास्ते ‘बैंकॉक विजन 2030’ को अपनाया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले सेतु के रूप में काम करता है। यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि के नए रास्ते खोलने के लिए एक प्रभावी मंच के रूप में उभर रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया और भारत में पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश की।

उन्होंने कहा, ‘‘यह मंच साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद और नशीली दवाओं तथा मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस संबंध में, मैं इस वर्ष इसकी पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव करता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बिम्सटेक देशों के साथ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) स्थापित करने में भारत के अनुभव को साझा करने में खुशी हो रही है और उन्होंने इस संबंध में सदस्य देशों की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझने के लिए एक प्रायोगिक अध्ययन आयोजित करने का सुझाव दिया।

मोदी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, मैं भारत के यूनिफायड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को बिम्सटेक क्षेत्र में भुगतान प्रणालियों से जोड़ने का प्रस्ताव करता हूं। इससे व्यापार, उद्योग और पर्यटन को सभी स्तरों पर लाभ होगा।’’

उन्होंने कहा कि व्यापार और व्यवसाय संपर्क भी प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने ‘बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स’ की स्थापना और हर साल ‘बिम्सटेक बिजनेस समिट’ आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं बिम्सटेक क्षेत्र में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने में इसकी व्यवहारिकता के अध्ययन का भी सुझाव देता हूं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुक्त, खुला, संरक्षित और सुरक्षित हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज जिस समुद्री परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, वह व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग को मजबूत करेगा तथा व्यापार को गति देगा।’’

मोदी ने भारत में एक सतत समुद्री परिवहन केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र समुद्री नीतियों में क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और समन्वय पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह समुद्री सुरक्षा में सहयोग को भी बढ़ावा देगा।’’