मैं हर मैच में अपने प्रदर्शन में एक-डेढ़ प्रतिशत का सुधार करना चाहता हूं: अर्शदीप
लखनऊ, एक अप्रैल (भाषा) बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय रचनात्मक आत्म-आलोचना को देते हुए कहा कि वह हर मैच में अपने प्रदर्शन में एक से डेढ़ प्रतिशत का सुधार करने की कोशिश करते हैं।
आखिरी ओवरों के विशेषज्ञ के तौर पर तेजी से उभर रहे इस 26 साल के गेंदबाज ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र में गुजरात टाइटंस के खिलाफ साई सुदर्शन और शेरफेन रदरफोर्ड के महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर टीम को पहले मैच में 11 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की।
पिछले कुछ वर्षों में अपनी गेंदबाजी की विकास के बारे में पूछे जाने पर अर्शदीप ने ’जियोहॉटस्टार’ से कहा, ‘‘मेरा प्रदर्शन अच्छा हो या खराब मेरे लिए महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं हर मैच में अपने खेल में एक से डेढ़ प्रतिशत तक का सुधार करूं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि दुनिया में सबसे बड़ी गुंजाइश सुधार की है।’’
श्रेयस अय्यर इस सत्र में पंजाब किंग्स की कमान संभाल रहे है और अर्शदीप को उम्मीद है कि टीम इस सत्र में पहली बार आईपीएल खिताब जीतने में सफल होगी।
श्रेयस के साथ अपने रिश्ते और नये कप्तान के दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर अर्शदीप ने कहा, ‘‘मैंने दलीप ट्रॉफी में पहले भी अय्यर की कप्तानी में खेला है। मैंने इसका वास्तव में इसका लुत्फ उठाया है। उन्होंने हमेशा अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया और उन्हें अपने मुताबिक खेलने की छूट दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ उनका दृष्टिकोण ऐसा ही रहता है। वह खिलाड़ी को सख्त निर्देश देने की जगह अपने कौशल पर भरोसा करने और टीम के लिए खेलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’’
अर्शदीप ने कहा, ‘‘वह निस्वार्थ दृष्टिकोण के साथ खिलाड़ियों को पूरा समर्थन देते हैं। मैं वास्तव में इस मानसिकता की प्रशंसा करता हूं और खिलाड़ियों के तौर पर लगातार दो आईपीएल खिताब जीतने में हम उनकी पूरी मदद करेंगे।’’
अर्शदीप ने अब तक आईपीएल में 66 मैचों में 78 विकेट लिए हैं और भारत के लिए 63 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 99 विकेट ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब हालात कठिन होते हैं तो वह हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ जब टीम दबाव में होती है तब मैं रन लेकर या विकेट चटकाकर अपने खेल के स्तर को ऊंचा करने की कोशिश करता हूं। जब महत्वपूर्ण क्षणों में मुझे गेंद दी जाती हैं तो यह जानकर अच्छा लगता है कि वे मुझ पर भरोसा करते हैं। मैं अतिरिक्त जिम्मेदारी का लुत्फ उठाता हूं।’’