सूरत के हीरा श्रमिकों की हड़ताल, वेतन वृद्धि और आर्थिक सहायता की मांग

कतारगाम से हीराबाग तक निकाली गई रैली, 5000 से अधिक रत्न कलाकार हुए शामिल

सूरत के हीरा श्रमिकों की हड़ताल, वेतन वृद्धि और आर्थिक सहायता की मांग

सूरत। हीरा नगरी सूरत में लंबे समय से जारी हीरा उद्योग की मंदी के कारण रत्न कलाकारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। सरकार से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस निर्णय न होने पर हीरा श्रमिक संघ ने 30 और 31 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। रविवार को कतारगाम दरवाजा से वराछा हीराबाग तक रैली निकाली गई, जिसमें 5000 से अधिक हीरा श्रमिकों ने भाग लिया।

हीरा श्रमिक संघ ने सरकार के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखी  जिसमें वेतन वृद्धि और आत्महत्या पीड़ितों के परिवारों को सहायता का समावेश किया गया है।  अन्य मांगो में 30% वेतन वृद्धि, आत्महत्या करने वाले रत्न कलाकारों के परिवारों को वित्तीय पैकेज, उद्योग को मंदी से उबारने के लिए ठोस कदम उठाना है। 

हीरा श्रमिक संघ के भावेश टांक ने कहा कि सरकार को पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन कोई निर्णय न होने के कारण हड़ताल ही आखिरी विकल्प बचा है।

रैली 30 मार्च सुबह 9 बजे कतारगाम दरवाजा से शुरू होकर नंदूदोशी की वाडी, किरण चौक होते हुए वराछा हीराबाग पहुंची। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।

रत्न कलाकारों ने नाराजगी जताई कि रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) और सूरत डायमंड एसोसिएशन ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया है। पिछले ढाई वर्षों से स्थिति खराब होने के बावजूद कोई समाधान न मिलने से हीरा श्रमिकों में रोष बढ़ता जा रहा है।

सोमवार 31 मार्च को हड़ताल के दूसरे दिन रत्न कलाकारों की अगली रणनीति तय की जाएगी। यदि सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं लेती, तो श्रमिक संघ आंदोलन को और तेज करने पर विचार कर सकता है।

 

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