टी20 प्रारुप से गेंदबाजों की मुश्किलें बढ़ीं : अश्विन

मानसिक सहायता की पड़ सकती है जरुरत 

टी20 प्रारुप से गेंदबाजों की मुश्किलें बढ़ीं : अश्विन

नई दिल्ली, 28 मार्च (वेब वार्ता)। अनुभवी गेंदबाज आर अश्विन ने कहा है कि जिस प्रकार से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रन बन रहे हैं। उससे खेल बल्लेबाजों के पक्ष में होता जा हरा है।

अश्विन ने कहा कि टी20 प्रारुप से गेंदबाज खतरे में पड़ गये हैं। इसमें बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा लाभ मिल रह है। आईपीएल में पहले हफ्ते में 200 से कम रन के स्कोर बहुत कम देखने को मिले हैं।

अश्विन ने कहा कि गेंदबाजों पर लगातार रन रोकने का जो दबाव है, उसके कारण वे मानसिक रुप से थक गये हैं और उन्हें सहायता की जरुर है। अश्विन ने कहा कि कुछ आईपीएल पिचों पर गेंदबाजों के लिए सफल होना मुश्किल होता जा रहा है।

पहले सप्ताह के मैचों में ज्यादातर मुकाबले बड़े स्कोर वाले रहे। केवल दो मैचों में 200 से कम रन बने। यहां तक कि कम स्कोर वाले मैचों में भी, एक टीम ने आसानी से लक्ष्य का पीछा कर लिया। कई अन्य मैचों में टीमों ने 200 से ज्यादा रन बनाए। कुछ टीमों ने बड़े स्कोर का पीछा किया और कुछ ने ज्यादा रन बनाकर भी मुश्किल से जीत हासिल की।

इम्पैक्ट प्लेयर नियम लागू होने के बाद, टीमों को एक बल्लेबाज या गेंदबाज को बदलने की अनुमति मिली। इससे औसत मैच स्कोर बढ़कर 189 रन हो गया। अश्विन ने कहा कि गेंदबाजों को जल्द ही मनोचिकित्सक की भी जरूरत होगी। इसका मतलब है कि गेंदबाजों पर इतना दबाव है कि उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए मदद की जरूरत पड़ सकती है।

उन्होंने कहा कि कुछ पिचों पर गेंदबाजी करना असंभव सा हो गया है। अश्विन इस बार चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) टीम में है। साल 2015 के बाद यह उनकी फ्रेंचाइजी में वापसी है। उन्होंने कहा कि टी20 क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए अब पहले जैसी बात नहीं रही। बल्लेबाजों को पिच से बहुत मदद मिल रही है।

उन्होंने आगे कहा- लोग कहते हैं कि गेंदबाज रक्षात्मक हो रहे हैं। मैं इस बारे में बात करना चाहता हूं। चलो मान लेते हैं कि यह बात सही है। लेकिन कई बार, गेंदबाजी करना सचमुच में नामुमकिन हो गया है। कुछ मैदानों पर, आप स्टंप्स को खेल में नहीं रख सकते हैं। अश्विन ने यह भी कहा कि कुछ पिचों पर फुल टॉस गेंदें भी अच्छी साबित हो रही हैं।

उन्होंने युजवेंद्र चहल का उदाहरण दिया, जिन्होंने साई सुदर्शन को फुल टॉस गेंद फेंकी और उन्हें सिर्फ एक रन मिला। अश्विन ने कहा, फुल टॉस हमेशा बुरी गेंद नहीं होती है। कुछ पिचों पर, जो गेंदें विकेट पर गिरती हैं, वे बल्लेबाजों के लिए आसान हो जाती हैं। हम सभी सोचते थे कि फुल टॉस मारना आसान होता है, लेकिन कुछ सतहों पर, गेंद पिच पर गिरकर बल्ले पर बेहतर तरीके से आती है।