प्रधानमंत्री मोदी का जम्मू दौरा, 19 अप्रैल को कटरा से घाटी तक चलने वाली ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी
जम्मू, 27 मार्च (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को कटरा से घाटी तक चलने वाली पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इससे कश्मीर तक रेल संपर्क का 70 साल पुराना सपना पूरा होगा।
यह ट्रेन रियासी जिले के कटरा कस्बे से चलेगी और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला को पार करते हुए श्रीनगर पहुंचेगी, और फिर उत्तरी कश्मीर के बारामूला में अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचेगी।
कार्यक्रम के दौरान, पीएम मोदी के अलावा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मौजूद रहेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल यह ट्रेन संगलदान से बारामूला तक चल रही है।
प्रधानमंत्री का 19 अप्रैल की सुबह नई दिल्ली से उधमपुर आर्मी एयरपोर्ट पर उतरने का कार्यक्रम है। यहां से वह चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए उड़ान भरेंगे।
इंजीनियरों ने किस तरह से इस पुल के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई है, इसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी को पुल के निर्माण के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी माता वैष्णो देवी आधार शिविर कटरा से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
दिल्ली लौटने से पहले प्रधानमंत्री मोदी दोपहर में कटरा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफार्म की संख्या बढ़ाने सहित जम्मू रेलवे स्टेशन पर विस्तार कार्य पूरा होने के बाद, इस वर्ष जुलाई-अगस्त तक जम्मू से घाटी के लिए ट्रेन का परिचालन शुरू हो जाएगा।
अधिकारियों ने बताया, “दिल्ली या किसी अन्य हिस्से से कश्मीर के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं होगी। यात्रियों को कटरा में उतरना होगा और ट्रेन बदलनी होगी। बाद में यही प्रक्रिया जम्मू में भी अपनाई जाएगी।”
वंदे भारत एक्सप्रेस सहित कटरा से बारामूला तक ट्रेन के कई परीक्षण सफल रहे हैं और सुरक्षा संबंधी मुद्दों का भी समाधान कर लिया गया है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के कुल 272 किलोमीटर में से 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में शुरू किया गया था, इसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड लिंक, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा खंड को शामिल किया गया था, जिसमें पिछले साल फरवरी में 48.1 किमी बनिहाल-संगलदान खंड शामिल रहा।
46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जबकि रियासी और कटरा के बीच 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा हुआ था, जो कि तीन महीने पहले पूरा हो चुका है। जिसके बाद भारत सहित विभिन्न ट्रेनों के परीक्षण शुरू हो पाए।