हर्ष संघवी: कांटों भरा ताज, लेकिन गुजरात के गृह राज्य मंत्री के रूप में अडिग नेतृत्व

हर्ष संघवी: कांटों भरा ताज, लेकिन गुजरात के गृह राज्य मंत्री के रूप में अडिग नेतृत्व

गुजरात अपनी अलग पहचान रखता है—महात्मा गांधी की अहिंसा की विरासत, सरदार वल्लभभाई पटेल की दृढ़ता, नरेंद्र मोदी की विकास दृष्टि और अमित शाह की राजनीतिक सूझबूझ का संगम। यह राज्य एक ओर शांति और समृद्धि का प्रतीक है, तो दूसरी ओर अपराध और सामाजिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों से भी जूझता है। ऐसे में राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शांति बनाए रखना एक बड़ी जिम्मेदारी है, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी के कंधों पर है।

युवा नेता हर्ष संघवी को गुजरात के गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे अक्सर ‘कांटों भरा ताज’ कहा जाता है। हालांकि, उनकी दृढ़ नीतियां और सटीक निर्णय लेने की क्षमता उन्हें इस कठिन जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाती हैं। गुजरात जैसे राज्य में गृह विभाग संभालना आसान काम नहीं है। आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखना, कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करना और जनता की सुरक्षा की गारंटी लेना बड़ी चुनौती है। लेकिन हर्ष संघवी की ऊर्जा और उनकी स्पष्ट कार्यशैली से साफ है कि वे इन चुनौतियों को पूरी तरह पार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गुजरात की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की चुनौती

गुजरात एक औद्योगिक और आर्थिक रूप से समृद्ध राज्य है, लेकिन इस समृद्धि के साथ ही अपराधों की चुनौती भी बढ़ी है। अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध, गैरकानूनी गतिविधियां और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध आज गुजरात के लिए गंभीर मुद्दे हैं। ऐसे में गृह मंत्री के रूप में हर्ष संघवी ने त्वरित निर्णय लेकर सख्त कार्रवाई करने की नीति अपनाई है। उनके कार्यकाल में गुजरात पुलिस की कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। पुलिस ट्रेनिंग कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी और प्रेरणादायक भाषण यह दर्शाते हैं कि वे गृह विभाग को सशक्त बनाने के लिए कितने गंभीर हैं।

युवावस्था और जिम्मेदारी का संतुलन

हर्ष संघवी ने एक युवा विधायक के रूप में राजनीति में कदम रखा और जल्दी ही गृह राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद तक पहुंचे। इस भूमिका में उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल को साबित करने का अवसर प्राप्त किया है। मच्छू नदी पर मोरबी पुल दुर्घटना हो या गुजरात में अवैध शराब के मामले, उन्होंने हर परिस्थिति में जनता की चिंताओं को समझने और उनका समाधान निकालने की कोशिश की है। उनकी स्पष्ट और सीधी संवाद शैली जनता के बीच विश्वास पैदा करती है। इसका एक उदाहरण नवरात्रि के दौरान देखा गया, जब उन्होंने नागरिकों को निर्भय होकर गरबा खेलने के लिए प्रेरित किया, यह दर्शाता है कि वे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी समान रूप से महत्व देते हैं।

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सख्त कानून और संवेदनशील प्रशासन का संतुलन

एक सफल गृह मंत्री की पहचान उसकी कठोर नीतियों और जनता के प्रति संवेदनशीलता के संतुलन से होती है। हर्ष संघवी ने अपराध के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर, वे पुलिस प्रशासन को जनता के अनुकूल बनाने के प्रयास भी कर रहे हैं। वे युवाओं को रोजगार और खेल गतिविधियों में प्रोत्साहित कर समाज के भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाना चाहते हैं।

चुनौतियों और आलोचनाओं के बावजूद अडिग

कोई भी राजनीतिक पद आलोचनाओं से परे नहीं होता। हर्ष संघवी भी इससे अछूते नहीं रहे। पुलिस बल के उपयोग और अपराधों की जांच को लेकर उनके फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, इन आलोचनाओं के बावजूद वे अपने उद्देश्य से नहीं डिगे हैं। गुजरात में कानून और व्यवस्था को सुदृढ़ करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, और इसके लिए उन्होंने पुलिस बल के आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण सत्रों को प्रभावी बनाने और नागरिकों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने के प्रयास किए हैं।

हर्ष संघवी का कार्यकाल अभी जारी है और उनके सामने कई चुनौतियां बाकी हैं। गुजरात की शांति और सुरक्षा बनाए रखना एक निरंतर प्रक्रिया है। उनकी ऊर्जा, नए विचारों और जनता के प्रति समर्पण को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वे गुजरात के भविष्य के लिए एक मजबूत स्तंभ बन सकते हैं। एक सफल गृह मंत्री के रूप में, उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वे राज्य को और अधिक सुरक्षित और समृद्ध बनाने में अपना योगदान जारी रखेंगे।

(लेखक एक प्रतिष्ठित उद्यमी और समाज सेवक हैं। लेख में व्यक्त किये गये विचार उनके निजी विचार हैं। )