सास बहू सबूतों के अभाव में हत्या मामले में बरी

सास बहू सबूतों के अभाव में हत्या मामले में बरी

ठाणे, सात मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे में अदालत ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए 2017 में हुई हत्या के मामले में आरोपी एक महिला और उसकी सास को दोषमुक्त कर दिया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए. एन. सिरसीकर ने कहा कि अभियोजन पक्ष सविता संतोष जाधव (46) और उसकी सास वत्सला बबन जाधव (67) के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रहा है।

यह आदेश चार मार्च को दिया गया और इसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोनों महिलाओं ने नौ मई 2017 को गीता कदम की हत्या कर दी थी।

गीता कदम उनके घर में रहने आई थी और उसके सविता के पति के साथ संबंध थे। हत्या के बाद सास बहू ने दावा किया था कि गीता ने आत्महत्या की है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता एम. आई. जेड. जी. शेख ने तर्क दिया कि दोनों महिलाओं को अपराध से जोड़ने वाला कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और बचाव पक्ष ने अभियोजन पक्ष के मामले में कई विसंगतियों को उजागर किया। उन्होंने यह भी बताया कि गीता का शव एक बंद कमरे में पाया गया था और आरोपी पर तुरंत मौत की सूचना देने का कोई कानूनी दायित्व नहीं था।

जज सिरसीकर ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है कि मृतक और आरोपी उस एक ही घर में रह रहे थे, जहां मौत हुई थी।’’

जज ने कहा कि फोन विवरण को सबूत के तौर पर ठीक से पेश नहीं किया गया, जिससे गीता के ठिकाने या आरोपियों की भूमिका का पता लगाना मुश्किल हो गया।

अदालत ने यह भी कहा कि गीता के भाई ने उसकी मौत के दिन गीता से बात करने का दावा भी किया था, लेकिन बाद में गवाहों के बयान उसके समय के साथ मेल नहीं खाते। अदालत को कोई विश्वसनीय गवाही नहीं मिली जिससे यह साबित हो सके कि आरोपी के पास हत्या करने का इरादा या अवसर था।

अदालत ने माना कि आरोपियों ने गीता की मौत की सूचना तुरंत नहीं दी, लेकिन फैसला सुनाया कि डर और घर पर परिवार के पुरुष सदस्यों की अनुपस्थिति इस देरी की वजह हो सकती है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह आधार अकेले हत्या के तथ्य को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है।’’

अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपियों के अपराध को उचित तरीके से साबित करने में असफल माना, जिसके कारण दोनों को बरी कर दिया गया।