गुजरात में दो साल में 286 शेरों और 456 तेंदुओं की मौत: वन मंत्री मुलुभाई बेरा

गुजरात में दो साल में 286 शेरों और 456 तेंदुओं की मौत: वन मंत्री मुलुभाई बेरा

गांधीनगर, चार मार्च (भाषा) गुजरात में गत दो साल में कम से कम 286 शेरों की मौत हो गई, जिनमें 143 शावक भी शामिल हैं। इनमें से 58 शेरों की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुईं। राज्य के वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने मंगलवार को विधानसभा को यह जानकारी दी।

बेरा ने प्रश्नकाल के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस विधायक शैलेश परमार के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में दो वर्षों - 2023 और 2024 - में 140 शावकों सहित 456 तेंदुओं की भी मौत हुई है।

उन्होंने बताया कि 286 शेरों की मौत में से 121 की मौत 2023 में तथा 165 की मौत 2024 में हुई।

गुजरात एशियाई शेरों का दुनिया में अंतिक प्राकृतिक आवास है। जून 2020 में की गई आखिरी गणना के अनुसार, राज्य में 674 एशियाई शेर हैं, जिनमें से मुख्य रूप से गिर वन्यजीव अभयारण्य में हैं।

मंत्री ने चल रहे बजट सत्र के दौरान विधानसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 2023 में 225 और 2024 में 231 तेंदुओं की मौत हुई।

उन्होंने बताया कि 228 शेरों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई जबकि 58 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं, जैसे वाहनों की चपेट में आना या खुले कुओं में डूब जाना।

बेरा ने बताया कि तेंदुओं में 303 मौतें प्राकृतिक कारणों से हुईं, जबकि 153 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुईं।

वन मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने शेरों की अप्राकृतिक मौतों को रोकने के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति और शेरों तथा अन्य जंगली जानवरों के समय पर उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं।