मोदी के कार्यकाल में बने सातों रेल उपक्रम ‘नवरत्न’
नई दिल्ली, 03 मार्च (वेब वार्ता)। शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध भारतीय रेलवे के सभी सात केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम ‘नवरत्न’ बन गए हैं। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि सोमवार को भारतीय रेलवे के सूचीबद्ध उपक्रमों में बाकी दो उपक्रमों -भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) और भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को भी नवरत्न का दर्जा प्रदान किया गया। पांच सूचीबद्ध केन्द्रीय उपक्रम पहले ही नवरत्न की श्रेणी में शामिल हो चुके हैं। इस प्र्रकार से सभी सात सूचीबद्ध केन्द्रीय उपक्रम नवरत्न बन गये हैं।
यह महत्वपूर्ण बात है कि रेलवे के सभी केन्द्रीय उपक्रमों को नवरत्न का दर्जा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में मिला है और छह उपक्रमों को यह दर्जा मौजूदा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में मिला है। सबसे पहले जुलाई 2014 में भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकोर) को नवरत्न का दर्जा मिला था। इसके बाद मई 2023 में रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को, अक्टूबर 2023 में रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस लिमिटेड (राइट्स लिमिटेड) एवं इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को, भारतीय रेलटेल निगम लिमिटेड को अगस्त 2024 में तथा मार्च 2025 में आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को नवरत्न का दर्जा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे के 12 उपक्रम हैं और उनमें से 7 उपक्रम शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध हैं। सभी रेलवे उपक्रम लाभ कमाने वाले उपक्रम हैं। इनका संचयी लाभ वित्त वर्ष 2020-21 में 7015 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 11 हजार 780 करोड़ रुपये हो गया है।
सभी सूचीबद्ध रेलवे उपक्रमों का बाजार पूंजीकरण पिछले 3 वर्षों में करीब तीन गुना से बढ़ा है। रेलवे उपक्रमों की पूंजी मार्च 2021 में 1.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़ कर दिसंबर 2024 में 4.4 लाख करोड़ रुपये की हो गयी है जो 282 प्रतिशत की वृद्धि है। सभी सूचीबद्ध उपक्रम सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार लाभांश का भुगतान कर रहे हैं।
आईआरसीटीसी यह भारतीय रेलवे की एक विस्तारित शाखा है और भारत में एकमात्र इकाई है जो रेलवे को ऑनलाइन रेलवे टिकट बुकिंग सेवाएं, खानपान सेवाएं प्रदान करती है। आईआरसीटीसी में एमओआर की वर्तमान होल्डिंग 62.40 प्रतिशत है। मार्च 2024 तक, इसका कारोबार 4270 करोड़ रुपये है और 1111 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इसका नेटवर्थ 3230 करोड़ रुपये (मार्च 2024) है और बाजार पूंजीकरण 74 हजार 376 करोड़ रुपये है।
आईआरएफसी का कार्य सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों और शर्तों पर बाजार उधारी के माध्यम से भारतीय रेलवे की अतिरिक्त बजटीय संसाधन (ईबीआर) की आवश्यकता को सुरक्षित करना है। आईआरएफसी में रेल मंत्रालय की वर्तमान हिस्सेदरी 86.36 प्रतिशत है। मार्च 2024 तक, इसका कारोबार 26 हजार 645 करोड़ रुपये है और 6412 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इसका नेटवर्थ 49 हजार 179 करोड़ रुपये (मार्च 2024) है और बाजार पूंजीकरण एक लाख 86 हजार 030 करोड़ रुपये है। रेलटेल स्टेशनों पर आईपी आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली, एनआईसी ‘ई-ऑफिस’ सेवाओं और भारतीय रेलवे के भीतर विभिन्न संगठनों की सहायता के लिए स्टेशनों के बीच शॉर्ट हॉल कनेक्टिविटी और लंबी दूरी की कनेक्टिविटी को लागू करने जैसी कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करता है।
राइट्स लिमिटेड एक बहुआयामी बुनियादी ढांचा परामर्श संगठन है। इरकॉन भारत और विदेशों में रेलवे और राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण में कुशल है। आरवीएनएल फास्ट ट्रैक आधार पर रेल बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं को लागू करता है और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधन जुटाता है। कॉनकॉर मल्टी-मॉडल कंटेनर परिवहन सेवाएं प्रदान करता है।
इन सार्वजनिक उपक्रमों को नवरत्न का दर्जा यह सुनिश्चित करेगा कि इसमें अधिक परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता हो। यह स्थिति आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को तेजी से निर्णय लेने, दक्षता में वृद्धि और अधिक सशक्त बनाएगी।