प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, शेरों की अनुमानित आबादी की घोषणा की

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, शेरों की अनुमानित आबादी की घोषणा की

सासण (गुजरात)/नई दिल्ली, 03 मार्च (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर सोमवार को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की और इस साल मई में एशियाई शेरों की अनुमानित आबादी की घोषणा की।

गिर राष्ट्रीय उद्यान में सुबह अपनी लॉयन सफारी पूरी करने के तुरंत बाद, मोदी गुजरात के जूनागढ़ जिले के सासण में एनबीडब्ल्यूएल की बैठक के लिए रवाना हुए, जिसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

इस मौके पर मोदी ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय रेफरल केंद्र-वन्यजीव की आधारशिला रखी और इस साल मई में एशियाई शेरों के 16वें जनसंख्या अनुमान की घोषणा की। उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र एसएसीओएन की स्थापना की भी घोषणा की और नदी डॉल्फिन पर एक पुस्तक का विमोचन किया।

वन्यजीव संरक्षण पर सरकार को सलाह देने वाली वैधानिक संस्था एनबीडब्ल्यूएल में 47 सदस्य हैं, जिनमें सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और विभिन्न राज्यों के सचिव शामिल हैं।

प्रधानमंत्री एनबीडब्ल्यूएल के पदेन अध्यक्ष होते हैं और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बोर्ड के उपाध्यक्ष होते हैं।

सफारी के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण एशियाई शेरों की आबादी में लगातार वृद्धि देखी गई है। उन्होंने एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों और महिलाओं के योगदान की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘आज सुबह विश्व वन्यजीव दिवस पर मैं गिर में सफारी पर गया। जैसा कि हम सभी जानते हैं, गिर एशियाई शेरों का घर है। गिर आकर मुझे गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान किए गए सामूहिक कार्यों की कई यादें भी ताज़ा हो गईं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों में, सामूहिक प्रयासों ने यह सुनिश्चित किया है कि एशियाई शेरों की आबादी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एशियाई शेरों के आवास को संरक्षित करने में आदिवासी समुदायों और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं की भूमिका भी उतनी ही सराहनीय है।’’

प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘पिछले एक दशक में बाघ, तेंदुए, गैंडों की आबादी भी बढ़ी है, जो यह दर्शाता है कि हम वन्यजीवों को कितनी गहराई से संजोते हैं और जानवरों के लिए स्थायी आवास बनाने के लिए काम कर रहे हैं।’’

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के वास्ते ‘प्रोजेक्ट लायन’ के लिए 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में एशियाई शेर गुजरात के 9 जिलों के 53 तालुकों में करीब 30,000 वर्ग किलोमीटर में रह रहे हैं। एशियाई शेर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा लियो पर्सिका है।

इसके अतिरिक्त, एक राष्ट्रीय परियोजना के हिस्से के रूप में, जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर भूमि पर वन्यजीव के लिए एक राष्ट्रीय रेफरल केंद्र स्थापित किया जा रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने के उद्देश्य से सासण में वन्यजीव ट्रैकिंग के लिए एक उच्च तकनीक निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी स्थापित किया गया है।

राज्य सरकार ने ग्रेटर गिर क्षेत्र में रेलवे पटरियों पर शेरों की आवाजाही के कारण होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘इससे ऐसी घटनाओं में काफी कमी आई है।’’

गुजरात की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत मोदी ने रविवार को गिर सोमनाथ जिले के सोमनाथ मंदिर में पूजा की और रिलायंस जामनगर रिफाइनरी परिसर में स्थित ‘वनतारा’ का दौरा किया। वनतारा वन्यजीवों के कल्याण के लिए समर्पित बचाव केंद्र है। यह दुर्व्यवहार और शोषण से बचाए गए पशुओं को अभयारण्य, पुनर्वास व चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।