नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश जल्द लेंगे ऑल इंडिया सीईओ की बैठक
वोटर लिस्ट अपडेट और सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए मांगेंगे सुझाव
नई दिल्ली, 02 मार्च (वेब वार्ता)। केरल कैडर के 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस ज्ञानेश कुमार के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 4 और 5 मार्च को दिल्ली में ऑल इंडिया सीईओ की बैठक बुलाई है। सीईसी का पद संभालने के बाद ज्ञानेश कुमार की यह देश के तमाम सीईओ के साथ पहली बैठक होगी, जिसमें मतदाता सूची अपडेट करने से लेकर चुनाव कराने के बीच जो भी दिक्कतें आती हैं या इस सिस्टम को और कैसे बेहतर किया जा सके। इसके लिए सुझाव भी मांगे जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि इस बैठक में पहली बार देश के तमाम राज्यों के सीईओ यानी चीफ इलेक्ट्रॉल ऑफिसर ही नहीं बुलाए गए हैं बल्कि मतदाता सूची को तैयार करने में अहम योगदान देने वाले इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) और डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसरों (डीईओ) को भी बुलाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में मतदाता सूची तैयार करने में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के बारे में भी पैन इंडिया स्तर पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि इसमें और पारदर्शिता लाई जा सके।
खासतौर से मतदाता सूची में वोटरों के नाम जोड़ने और काटने को लेकर जिस तरह से महाराष्ट्र और दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग भारी विवादों में रहा था। आयोग चाहता है कि भविष्य में इस तरह की कोई समस्या सामने ना आए। इसलिए मतदाता सूची अपडेट करते वक्त कई राजनीतिक पार्टियों और आम लोगों को इसके लिए मैक्सिमम स्तर पर संतुष्ट करने का भी प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें मतदाता सूची से अगर किसी वोटर का जोड़ना है या काटना है तो उस वोटर को इस बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि उसका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है, फिर वह किसी भी आधार पर काटा गया हो।
सूत्रों का कहना है कि इसके लिए हो सकता है कि आने वाले समय में मतदाता सूची से नाम काटे गए वोटरों के पास मोबाइल फोन पर मैसेज और मेल समेत अन्य माध्यम से सूचना देकर उन्हें इसकी जानकारी दी जाए। सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि जिस भी बालिग का जब एक बार वोटर कार्ड बन गया और अगर किन्हीं कारणवश वह दूसरे इलाके या राज्य में शिफ्ट होता है तो उस वोटर का वोटर कार्ड नंबर एक ही रहे यानी हर वोटर का एक यूनिक नंबर हो सकता है क्या। इस दो दिवसीय बैठक में कई और अहम मसलों पर विचार-विमर्श हो सकता है ताकि मततादा सूची अपडेट करने से लेकर चुनाव कराने तक आयोग किसी भी कंट्रोवर्सी में ना रहे।
बात दें नए सीईसी ज्ञानेश कुमार 26 जनवरी 2029 को रिटायर होंगे। उनके कार्यकाल में शायद ही लोकसभा चुनाव हों, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सीईसी ज्ञानेश कुमार नए-नए आइडियों पर काम कर रहे हैं। उससे उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में जो भी चुनाव होंगे, चाहे वह किसी राज्य के विधानसभा चुनाव हों या फिर लोकसभा चुनाव। उनमें कभी मततादा सूची को लेकर वोटर टर्न आउट बढ़ने और समय पर अपडेट ना होने तो कभी ईवीएम या उसकी बैटरी में गड़बड़ी होने जैसे मामलों को लेकर आयोग विवादों में ना रहे। इन विवादों को पैदा करने वालों को आयोग काफी हद तक संतुष्ट करने में कामयाब हो पाए। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि आयोग अभी भी पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है लेकिन फिर भी इसमें जिस किसी को शक होता है। उन्हें दूर करने की और भरसक कोशिश की जाएगी। इसके लिए सब मिलकर प्रयास करेंगे तो चीजें और बेहतर होंगी।