हनुमान जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश की मांग

हनुमान जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश की मांग

नई दिल्ली, 02 मार्च (वेब वार्ता)। राजधानी के कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से आग्रह किया है कि हनुमान जन्मोत्सव पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए। देश के अलग-अलग राज्यों में हनुमान जन्मोत्सव पर डेढ़ लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं, दिल्ली में लगभग छः हजार से ज्यादा कार्यक्रमों का आयोजन होता है। 

महंत सुरेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कहा कि भगवान हनुमान के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा एवं समर्पण को देखते हुए इस दिन पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। बजरंगबली का जीवन एवं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्रति उनकी दुर्लभ भक्ति एवं अनुराग भारत की युगों पुरानी प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति को प्रतिबिम्बित करती है। देश के लोगों को उनसे बेहद प्रेरणा मिलती है। इस दृष्टि से प्रतिवर्ष हनुमान जन्मोत्सव के दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करना सर्वथा उचित है। 

महंत सुरेश शर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि ये भी सर्वमान्य तथ्य है कि हर हिन्दू अपने घर में, सुविधा व सामर्थ्यानुसार प्रत्येक दिन भगवान् हनुमान जी की आराधना, पूजा व अर्चन करता है। यही नहीं अपितु, प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को लाखों भक्त मंदिर में भगवान हनुमान जी के दर्शन पाकर, पूजा अर्चना कर और प्रसाद चढ़ा कर स्वयं को कृतार्थ और हनुमान जी का कृपा पात्र मान स्वयं को आनंदित और गौरवान्वित महसूस करते हैं। एवं आगे की जीवन यात्रा पर बिना किसी अवरोध के चलने के लिए सात्विक ऊर्जा से ओतप्रोत होते हैं। 

विगत वर्ष, हनुमान जन्मोत्स्व पर दिल्ली राज्य में ही लगभग छह हजार से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें लाखों भक्तों ने भगवान हनुमान जी का आशीर्वाद एवं कृपा प्राप्त की। और अगर दिल्ली सरकार इस पावन अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दे, तो आप स्वयं विचार करें कितना बड़ा जन समूह भगवांन हनुमान जी के दर्शन, आशीर्वचन और कृपा का लाभ प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते दिल्ली के जनमानस की आस्था, विश्वास को ध्यान में रखकर, दिल्ली सरकार प्रत्येक वर्ष श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करें ताकि सार्वजनिक अवकाश होने से लाखों भक्त बिना किसी कठिनाई के दिन भर मंदिर आकर हनुमान जी का आशीर्वाद ले सकेंगे। 

पंडित सुरेश शर्मा के अनुसार, हनुमान देश के करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं और आशाओं की पूर्ति है। उन्होंने कहा कि हनुमान भगवान भारत में ही नहीं, बल्कि सभी देशों में अत्यंत आत्मीय भाव से पूजे जाते हैं। हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक कार्यक्रमों में हनुमान जी का आह्वान होता है, इसलिए भी हनुमान जन्मोत्सव को राजकीय अवकाश घोषित करना सरकार का बेहद उचित कदम होगा। महंत जी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह एक जयंती नहीं है, बल्कि जन्मोत्सव है क्योंकि जो लोग दिवंगत हो जाते हैं जयंती उनकी होती है, जबकि भगवान श्री राम एवं देवी सीता के आशीर्वाद से श्री हनुमान जी अजर अमर हैं। इस वजह से उनका जन्म दिन जयंती नहीं, बल्कि जन्मोत्सव के रूप में ही मनाया जाना चाहिए। 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी हनुमान भक्त हैं तथा नियमित रूप से कनाट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करने आते रहते हैं। जब भी कोई नई योजना किर्यांवित करनी हो या किसी मुसीबत में पड़ने पर वे सपरिवार सीधे कनाटप्लेस वाले हनुमान जी की शरण में जाते हैं लेकिन मंदिर समिति द्वारा अनेक बार मांग करने के बाद भी उन्होंने उनकी डिमांड पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसको लेकर मंदिर के महंत व सेवादार केजरीवाल से काफी नाराज़ हैं उनका कहना है कि यमुना मैया के साथ साथ हनुमान जी का भी श्राप लगने के कारण वे जीत नहीं पाए। 

पंडितों की नाराज़गी के कारण ही अरविंद केजरीवाल जब पंडितों व ग्रंथियों को वेतन देने की योजना की शुरुआत करने हनुमान मंदिर कनॉट प्लेस पहूंचे तो वहां के पंडितों ने यह कहकर उन्हें बैरंग लौटा दिया कि मंदिर को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी जीतने एवं मुख्यमंत्री बनने के बाद कनाटप्लेस वाले हनुमान मंदिर के दर्शन करने गईं। इसके अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा भी नियमित रूप से कनाटप्लेस हनुमान मंदिर जाते रहते हैं तथा सुंदरकांड आदि का पाठ भी करवाते रहते हैं। 

 

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