धोखाधड़ी मामला: अदालत ने मंत्री माणिकराव कोकाटे की दो साल जेल की सजा निलंबित की

मुंबई, 25 फरवरी (भाषा) नासिक की एक अदालत ने 1995 के एक मामले में दोषी करार दिए गए महाराष्ट्र के मंत्री माणिकराव कोकाटे की दो साल जेल की सजा निलंबित कर दी है। कोकाटे पर सरकारी कोटा के तहत फ्लैट पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप था।
अदालत मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ मंत्री और उनके भाई सुनील कोकाटे की एक अपील पर मंगलवार को सुनवाई करेगी। कोकाटे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता हैं और राज्य के कृषि मंत्री हैं।
नासिक जिला एवं सत्र अदालत ने 20 फरवरी को दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया और मामले में दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। मामला 1995 में पूर्व मंत्री दिवंगत टी. एस. दिघोले की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
अदालत ने दोनों भाइयों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मंत्री एवं उनके भाई ने दोषसिद्धि के खिलाफ सोमवार को जिला न्यायाधीश-प्रथम एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (नासिक) एन. वी. जिवाने के समक्ष अपील दायर की थी।
न्यायाधीश ने सजा के निलंबन का अनुरोध करने वाली उनकी एक और याचिका पर विचार के लिए स्वीकार करने की सहमति दी और सजा के खिलाफ उनकी अपील पर अभियोजन पक्ष से प्रतिक्रिया मांगी।
अदालत ने मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील पर फैसला होने तक उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानत राशि पर जमानत भी दे दी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को मुख्यमंत्री के 10 प्रतिशत विवेकाधीन कोटे के तहत नासिक के येओलाकर माला इलाके में कॉलेज रोड पर निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए दो फ्लैट आवंटित किए गए थे।
आरोप है कि खुद को फ्लैट का पात्र उम्मीदवार साबित करने के लिए उन्होंने एलआईजी श्रेणी से संबंधित होने और नासिक में घर नहीं होने के बारे में झूठा दावा किया था।
दिघोले द्वारा पुलिस से संपर्क करने के बाद नासिक के सरकारवाड़ा थाने में कोकाटे भाइयों और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया।