प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर : योगी
लखनऊ, 21 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा के अनुरूप प्रदेश एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।
योगी ने कहा कि अकेले महाकुंभ के आयोजन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया आज राज्य की क्षमता देख रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक डॉ. रागिनी सोनकर के प्रश्न के जवाब में कहा, “उत्तर प्रदेश ने एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और भारत तीन नहीं पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है।”
उन्होंने सपा सदस्य पर तंज कसते हुए कहा, “आपकी पीड़ा को समझ सकता हूं, क्योंकि आपके नेता बोलते थे कि भारत कभी विकसित देश नहीं बन सकता इसलिए आप उनका अनुसरण हीं करेगी।”
योगी ने कहा, “भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2027 में भारत पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है और दुनिया की सबसे तेजी उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में सर्वाधिक विकास दर के साथ भारत आज दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है और इस पर 140 करोड़ भारतवासियों को गौरव का अहसास होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “लेकिन प्रधानमंत्री की प्रेरणा के अनुरूप प्रदेश ने एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है।”
सपा विधायक रागिनी सोनकर ने प्रश्न किया था कि प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की क्या कार्य योजना बनाई गई है और ये लक्ष्य कब तक प्राप्त कर लिया जायेगा?
योगी ने सोनकर के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा राज्य की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर के स्तर पर ले जाने के लिए सरकार ने लक्ष्य को 10 सेक्टर में विभाजित किया है।
उन्होंने कहा कि 10 सेक्टरों में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, कृषि उत्पादन, सामाजिक सुरक्षा, नगरीय विकास, ग्राम विकास, राजस्व संग्रह, शिक्षा( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पर्यटन एवं संस्कृति और विविध बनाकर इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक सेक्टर के लिए अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रभारी नामित किया गया है और इन सेक्टरों की विभिन्न स्तरों पर नियमित समीक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री डेस्क के माध्यम से इसकी समीक्षा होती है और हर तीसरे माह मैं खुद इसकी समीक्षा करता हूं। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि पिछले तीन वर्ष के अंदर हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे उसे हासिल कर लिया है।”
योगी ने सरकार के प्रयासों का परिणाम बताते हुए कहा कि जब हमारी सरकार (वर्ष 2017) आयी थी तो प्रदेश की 12 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत में 27.50 लाख करोड़ की बनकर उभरेगी।
उन्होंने कहा कि यह उन स्थितियों में हो रहा है जब पूरी दुनिया कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद आर्थिक मंदी के दौर से गुजरी है।
योगी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में हमारी सरकार ने छह करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की है।
योगी ने कहा कि अकेले महाकुंभ से प्रदेश की अर्थव्यवस्था में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होगी और दुनिया आज राज्य की क्षमता देख रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्ष की 'डबल इंजन' की सरकार के प्रयास से यह दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और 2029 में उप्र एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भी बनेगा।