लकड़ी और चारकोल पर प्रतिबंध से पाव हो सकता है महंगा: महाराष्ट्र के बेकरी संचालकों का दावा

लकड़ी और चारकोल पर प्रतिबंध से पाव हो सकता है महंगा: महाराष्ट्र के बेकरी संचालकों का दावा

मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के कुछ नेताओं और बेकरी संचालकों ने दावा किया है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से बेकरी में लकड़ी और चारकोल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले से पाव की आपूर्ति बाधित होने की आशंका है और इससे इस खाद्य पदार्थ की कीमत भी बढ़ जाएगी।

‘इंडियन बेकर्स एसोसिएशन’ ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा कि पाव एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो ‘वड़ा’ के साथ परोसा जाता है और ‘वड़ा पाव’ हर मुंबईवासी की बुनियादी जरूरत है। एसोसिएशन ने पत्र में कहा कि आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा से अवांछित स्थिति पैदा होगी।

‘इंडियन बेकर्स एसोशिएशन’ के मुंबई भर में 110 सदस्य हैं और यह 79 वर्ष पुराना है।

दरअसल बीएमसी ने बम्बई उच्च न्यायालय के निर्देश पर अमल करते हुए वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बेकरी, भोजनालयों और रेस्तरां को आठ जुलाई तक बिजली, सीएनजी, पीएनजी और एलपीजी जैसे स्वच्छ ईंधनों का इस्तेमाल करने को कहा है।

‘इंडियन बेकर्स एसोसिएशन’ के सदस्य केपी ईरानी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हरित ईंधन का इस्तेमाल और लकड़ी या चारकोल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लेने से पहले नगर निगम ने हमसे सलाह नहीं ली। पाव या ब्रेड, बंद और ब्रून पाव पकाने के लिए बिजली का इस्तेमाल आर्थिक रूप से अव्यवहारिक है। 150 वर्ग फुट में फैले मौजूदा गुंबद नुमा ढांचे में इसका इस्तेमाल करना असंभव है।’

ईरानी ने कहा, ‘‘वैकल्पिक ईंधन के रूप में एलपीजी या पीएनजी की सिफारिश की जा रही है, लेकिन इसमें सुरक्षा का मुद्दा है। प्रत्येक बेकरी के लिए औसतन एलपीजी की आवश्यकता 10 सिलेंडरों से कम नहीं होगी, जो किसी दुर्घटना की स्थिति में जान-माल की हानि का कारण बन सकती है। इसके अलावा, मुंबई में पीएनजी के लिए हर जगह बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है।’’

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