सोलिटैरियो लैब ग्रोन डायमंड्स ने आईपीओ से पहले वित्तपोषण में 36 लाख डॉलर जुटाए

सोलिटैरियो लैब ग्रोन डायमंड्स ने आईपीओ से पहले वित्तपोषण में 36 लाख डॉलर जुटाए

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) कृत्रिम हीरों के अग्रणी ब्रांड सोलिटैरियो लैब ग्रोन डायमंड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले वित्तपोषण चरण में 36 लाख डॉलर जुटाए हैं।

मंगलवार को कंपनी ने एक बयान में कहा कि वित्तपोषण चरण में नीरज गुप्ता (मेरु कैब्स के संस्थापक), मॉरीशस स्थित एफपीआई इन्वेस्टी ग्लोबल, विको ग्रुप और सीमा मनीष नुवाल (सोलर इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक) सहित कई उल्लेखनीय निवेशकों ने हिस्सा लिया, साथ ही अमित अग्रवाल, राजेश सिंगला, गरिमा थीती और संदीप सिंह सहित कई बहुत अमीर व्यक्ति (यूएचएनआई) भी शामिल हुए।

आभूषण उद्योग के दिग्गज रिकी वासंदानी और बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित सोलिटैरियो टिकाऊ, पर्यावरण के प्रति जागरूक हीरे के आभूषणों का निर्माण करता है, जिसमें हार, अंगूठी, झुमके, कंगन और पेंडेंट शामिल हैं।

विवेक ओबेरॉय ने कहा, “नई जुटाई गई पूंजी का उपयोग सोलिटैरियो के खुदरा नेटवर्क को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने, नए भौगोलिक बाजारों में प्रवेश करने, ब्रांडिंग और विपणन पहलों को बढ़ाने, अपने उत्पाद पोर्टफोलियो को व्यापक बनाने और अपनी विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।”

कंपनी की खुदरा उपस्थिति मजबूत है और 10 प्रमुख भारतीय शहरों में इसके 18 स्टोर हैं। कंपनी के दुबई, मलेशिया और स्पेन में 38 आउटलेट हैं।

सोलिटैरियो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रिकी वासंदानी ने बयान में कहा, “यह निवेश सुंदर, टिकाऊ आभूषण बनाने के हमारे दृष्टिकोण को मान्य करता है जो हमारे ग्रह के भविष्य से समझौता नहीं करता है।”

भारतीय रत्न एवं आभूषण बाजार के 2021 में 43 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 तक 91 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

कृत्रिम रूप से (प्रयोगशाला में) विकसित हीरे के बाजार वर्तमान मूल्य 2023 में 25 करोड़ डॉलर है और 2033 तक इसके 1.2 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

सोलिटैरियो का लक्ष्य 2028 तक 500 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना है।