हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक : मुख्यमंत्री शर्मा

हिंदी हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक : मुख्यमंत्री शर्मा

जयपुर, 17 फरवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को कहा कि हिंदी को बढ़ावा देना हम सभी की जिम्मेदारी है, क्योंकि यह हमारे मन की अभिव्यक्ति का स्वरूप है। उन्होंने कहा कि हिंदी न केवल हमारी राजभाषा है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक भी है।

शर्मा केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की ओर से जयपुर में आयोजित मध्य पश्चिम एवं उत्तरी क्षेत्रों के संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हर संभव प्रयास करना हम सभी का कर्तव्य है, क्योंकि यह केवल एक संवैधानिक निर्देश ही नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आवश्यकता भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी के सम्मान, प्रयोग और प्रसार के लिए अपनी पूरी ताकत एवं प्रतिबद्धता के साथ काम करते हुए हमें हर स्तर पर, हर क्षेत्र में इसे प्रोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी असल पहचान है।

शर्मा ने डिजिटल युग में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के तकनीकी युग में हिंदी को डिजिटल मंचों पर भी समाहित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, सोच और विचारों का सशक्त रूप है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने देश की आंतरिक सुरक्षा एवं सामाजिक समरसता के क्षेत्र में अद्वितीय काम किए हैं। दोनों नेताओं ने न केवल हमारी सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया है, बल्कि देश में आंतरिक सुरक्षा को लेकर अगाध विश्वास जगाया है।”

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि राय ने कहा, “हमें देश की सभी भाषाओं का मान-सम्मान करते हुए हिंदी को राष्ट्रीय बोलचाल की भाषा बनाने के लिए प्रयास करना होगा। राजभाषा हिंदी का इस्तेमाल हमारी एकता का सूत्रधार है।”

उन्होंने कहा, “भाषा मानव समाज और देश की अंतः शक्ति है। अगर हम भाषा को उसके सीमित रूप में देखें, तो यह केवल संप्रेषण का जरिया भर है, लेकिन अगर राष्ट्र के संदर्भ में देखा जाए, तो भाषा और संस्कृति किसी भी राष्ट्र की आत्मा होती है।”

राय ने कहा कि केंद्र सरकार राजभाषा को समृद्ध और सक्षम बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को आखिरी सिरे तक पहुंचाना सरकारी तंत्र की सफलता की कसौटी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारा लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है, जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुंचाएं और इसमें कोई संदेह नहीं कि राष्ट्रीय स्तर पर राजभाषा हिंदी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है।”

उन्होंने कहा कि देश भर में राजभाषा को समृद्ध और सक्षम बनाने एवं भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए बीते 10 वर्षों में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।

कार्यक्रम में सरकारी कामकाज में हिंदी में सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाले मध्य, पश्चिम और उत्तर भारत के केंद्रीय सरकार के कार्यालयों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, सांसद मंजू शर्मा व केंद्रीय राजभाषा विभाग की सचिव अंशुली आर्या ने भी अपने-अपने विचार रखे।