सूरत : माँ तापी में समाहित हुआ संगम का जल

सूरत : माँ तापी में समाहित हुआ संगम का जल

संगम वाले अमृत जल को महाकुंभ कलश बैंक के माध्यम से एकत्रित करके माघ सुदी पूनम के अमृत स्नान महोत्सव पर माँ तापी से मिलन कराया गया

श्री अखिल भारतीय जीण माता सेवा संघ सूरत द्वारा "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया" के उदात्त भावों को मध्य नज़र रखते हुए एक बहुत ही सुंदर प्रयास सभी प्राणी मात्र के लिए किया गया है। त्रिवेणी संगम की तीनों बहनें गंगा यमुना सरस्वती का संगम प्रयागराज में होता है। इस संगम वाले अमृत जल को महाकुंभ कलश बैंक के माध्यम से एकत्रित कर के माघ सुदी पूनम के अमृत स्नान महोत्सव पर माँ तापी से मिलन कराया गया। 

संघ के अभिषेक जिंदल ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर सौभाग्य एवं शोभन योग के उत्तम संयोग में अश्विनी कुमार स्थित राम नाथ घाट पर श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में संगम अमृत जल मिश्रित माँ तापी  में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस हेतु जीण संघ के कार्यकर्ता सुबह से ही अश्विनी कुमार स्थित राम नाथ घाट पर उपस्थित रहे एवं त्रिवेणी संगम के अमृत जल को तापी नदी में समाहित किया। साथ ही माँ तापी का कुंकुम चावल व प्रसाद से पूजन कर नाचते गाते माँ तापी को चुनर ओढाई गयी। 

माँ तापी के उद्गम स्थल मुल्ताई में भी जीण संघ सुरत द्वारा राजेश खंडेलवाल के नेतृत्व में 21 कलश प्रयाग राज अमृत जल को तापी सरोवर में समाहित कर एक दिव्य प्रयास किया। साथ ही जीण संघ के कौशल खंडेलिया द्वारा माँ तापी को महा प्रसाद का भोग लगाकर सैकड़ों श्रद्धालुओं में वितरित किया गया। जीण संघ के इस सद्प्रयास द्वारा माँ तापी के उद्गम से समागम तक के सभी गांवों और शहरों के श्रद्धालुओं को प्रयाग राज के अमृत जल से स्नान जैसा पुण्य फल प्राप्त हो पायेगा।

माँ तापी में संगम जल समाहितीकरण का उद्देश्य यह है कि जो श्रद्धालु अभी तक प्रयागराज नहीं पहुंच पाए है, उन व्यक्तियों को भी महाकुंभ जैसा पुण्य लाभ मिल सके तापी मैया सूरत की अधिष्ठात्री देवी होने के साथ-साथ सृष्टि की प्रथम नदी व प्रमुख पूजनीय नदियों में से एक है। एक कहावत भी है कि गंगा का स्नान, यमुना का पान, नर्मदा के दर्शन एवं तापी का स्मरण। ऐसी परम पवित्र एवं पुण्यशालिनी माँ तापी में संगम जल समाहित कर तटवर्ती मछुवारे ,जल में रह रहे मछली आदि असंख्य जीवों को भी इस अमृत जल का लाभ मिल सके, ऐसी वसुधैव कुटुंबकम की भावना संजोए गयी है। इस कार्यक्रम में रमेश खुटेटा, राजेंद्र राजपुरोहित, राकेश काबरा, वेद प्रकाश शर्मा, नाथू लखारा, राजू जैन आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे। 

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