गाय को राष्ट्र माता घोषित के लिए केंद्र को 33 दिनों का समय दिया गया:स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

गाय को राष्ट्र माता घोषित के लिए केंद्र को 33 दिनों का समय दिया गया:स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

महाकुंभ नगर, 11 फरवरी (भाषा) ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने देश में गो हत्या पर प्रतिबंध और गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने पर निर्णय लेने के लिए केंद्र सरकार को 33 दिनों का समय मंगलवार को दिया है।

यहां सेक्टर 19 में शंकराचार्य शिविर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा, “शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय के शरीर में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। हम पिछले डेढ़ साल से गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। अब हमने निर्णय लिया है कि माघी पूर्णिमा के अगले दिन (बृहस्पतिवार) से हम 33 दिनों की पदयात्रा निकालेंगे।”

उन्होंने कहा, “यह 33 दिन की यात्रा 17 मार्च को दिल्ली जाकर पूर्ण होगी। केंद्र सरकार के पास निर्णय लेने के लिए 33 दिनों का समय है। यदि वह इन 33 दिनों में कोई फैसला नहीं करती तो हम 17 मार्च को शाम पांच बजे के बाद कोई कड़ा निर्णय लेंगे।”

इस बीच, मनुस्मृति को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी बारे में पूछे जाने पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “राहुल गांधी ने मनुस्मृति पर टिप्पणी की जिसके संबंध में परम धर्म संसद में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्हें 30 दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है और इसी संबंध में उन्हें एक ‘रिमाइंडर’ (स्मृति पत्र) भेजा जाएगा।”

इससे पूर्व, सोमवार को शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा मनुस्मृति पर कथित तौर पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था और इस संबंध में जवाब देने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया था।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “ हम पिछले डेढ़ दो सालों से गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के माध्यम से इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार अब इस संबंध में अपना मत स्पष्ट करेगी।”

उन्होंने कहा, “कुंभ की धरती पर अनेक संत- महात्माओं से विचार के बाद हम गाय माता के संबंध में आपको (केंद्र) 33 दिन दे रहे हैं। केंद्र सरकार 17 मार्च को शाम पांच बजे तक इस संबंध में जो भी घोषणा करना चाहती है कर दे, अन्यथा हम यह मान लेंगे कि केंद्र सरकार गोहत्या जारी रखना चाहती है।”

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “यदि केंद्र सरकार गोहत्या जारी रखना चाहती है तो हिंदू समाज इस बात पर विचार करेगा कि वह केंद्र में इस सरकार को जारी रखना चाहेगा या नहीं। हमारी सरकार से मांग है कि गाय को पशु की श्रेणी से हटाकर राष्ट्र माता घोषित किया जाए और गोहत्या को अपराध माना जाए।”

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूलों के पाठ्यक्रम में गाय को शामिल करने पर उन्होंने कहा, “सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी गाय को पशु के तौर पर पढ़ाएगी। अगर गाय को पशु के तौर पर ही पढ़ाना है तो हम इसका बहिष्कार करेंगे।”

शंकराचार्य ने कहा, “धर्म संसद में सनातन संरक्षण परिषद का गठन किया गया है जिसके पंजीकरण की कार्यवाही जारी है। इस परिषद के माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सरकार द्वारा अधिग्रहित मठ- मंदिरों को मुक्त करने का अनुरोध किया गया है।”

उन्होंने कहा, “भगवान के 24 अवतारों में से एक हंसावतार है जिसकी जन्मभूमि प्रयागराज के झूंसी में है। हंस कूप पर किसी व्यक्ति द्वारा दीवार खड़ी करके कब्जा कर लिया गया है जिसकी वजह से हम स्वयं वहां दर्शन पूजन नहीं कर सके। प्रशासन भी दर्शन पूजन नहीं करा सका।”