अमेरिका के शुल्क लगाने का भारत के इस्पात उद्योग पर नहीं होगा खास असर: सचिव
नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने सोमवार को कहा कि इस्पात आयात पर शुल्क लगाने की अमेरिकी घोषणा का भारतीय उद्योग पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि घरेलू बाजार मजबूत है और अमेरिका को होने वाले निर्यात की मात्रा बहुत ज्यादा नहीं है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह सोमवार को विभिन्न देशों से सभी इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा करेंगे।
अधिकारी ने उद्योग मंडल बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘...अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्पात पर शुल्क लगाने के बारे में कहा है। वास्तव में, हम अमेरिका को कितना इस्पात निर्यात करते हैं? हमने पिछले साल 14.5 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन किया था, जिसमें से 95,000 टन अमेरिका को निर्यात किया गया था। इसलिए, इससे क्या फर्क पड़ता है कि आप 14.5 करोड़ टन में से 95,000 टन का निर्यात नहीं कर पाएंगे।’’
पौंड्रिक ने ‘खनिज खनन और धातु सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि बढ़ती खपत के कारण भारत का घरेलू बाजार खुद इतना मजबूत है कि आने वाले वर्षों में इस्पात उद्योग के लिए इसे पूरा करना मुश्किल होगा।
हालांकि, अमेरिका ने जब 2018 में स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क लगाया, तो भारत ने 29 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क दर बढ़ाकर जवाबी कार्रवाई की थी।
निर्यात के बारे में पौंड्रिक ने कहा कि यह एक समस्या बन जाएगी क्योंकि अधिक देश सुरक्षा उपाय और प्रतिबंध लगाएंगे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान 28.9 प्रतिशत घटकर 39.9 लाख टन रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 56.1 लाख टन था।
देश चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान इस्पात का शुद्ध आयातक बना रहा। इस दौरान आयात 20 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 82.9 लाख टन रहा।