राजकोट : कार लोन के लिए फर्जी दस्तावेज पेश कर बैंक को 93.15 लाख रुपये का चूना लगाया
विजय कामर्शियल बैंक की महिला मैनेजर समेत 5 लोगों के खिलाफ अपराध
विजय कामर्शियल बैंक, राजकोट में ऑटो ब्रोकर श्रुजय वोरा और लक्ष्यांक विठलानी ने एक महिला बैंक मैनेजर के साथ मिलकर झूठे दस्तावेज, आरसी बुक, बीमा पॉलिसी और कोटेशन जमा करके 10 कार लोन स्वीकृत करवा कर 93.15 लाख रुपये के बड़े घोटाले करने की शिकायत ए डीवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज होने पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी समेत अन्य धाराओं के तहत महिला बैंक मैनेजर समेत 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। क्या इस चर्चास्पद घोटाले में कोई और अधिकारी भी शामिल है? जांच चल रही है।
घटना का विवरण इस प्रकार है कि राजकोट में मोटा मवा के पास स्पीडवेल पार्टी प्लॉट के सामने पेंटागन टॉवर में रहने वाले दुर्गेशभाई व्रजलालभाई आचार्य (उम्र 40) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया था कि जैन साइंटिफिक उद्योग पार्टनरशिप फर्म के जिम्मेदार व्यक्ति श्रुजय संजय वोरा, लक्ष्यांक शैलेश विठलानी, महाकाल एंटरप्राइज के प्रोपराइटर मीत महेश परमार और महिला शाखा प्रबंधक देविकाबेन वासणा को आरोपी बनाकर 10 कार लोन के नाम पर 93.15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई।
शिकायतकर्ता ने बताया कि वह 23 साल से कनक रोड पर फायर ब्रिगेड के सामने स्थित विजय कामर्शियल बैंक की मुख्य शाखा में सहायक महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत है। करीब चार महीने पहले उन्हें एक आवेदन मिला था, जिसमें बताया गया था कि कार लोन में छेड़छाड़ की गई है और इसमें श्रुजय संजयवोरा और लक्ष्यांक विठलानी का नाम था। इसलिए, जब उन्होंने मंगला रोड स्थित शाखा की प्रबंधक देविकाबेन वासा से पूछा, तो उन्होंने बताया कि कार लोन ब्रोकर श्रुजय वोरा और लक्ष्यांक विठलानी ने इन दो कारों के लिए लोन लिया है और अन्य आठ कारों के लिए भी लोन उन्होंने किया है। बाद में जांच के दौरान पता चला कि जिस राशि के लिए कार ऋण स्वीकृत किया गया था, वह 28.70 लाख रुपये की राशि आरटीजीएस के माध्यम से महाकाल
एंटरप्राइजेज के बैंक खाते में और 64.50 लाख रुपये की राशि जैन साइंटिफिक उद्योग नामक साझेदारी फर्म के खाते में स्थानांतरित की गई थी।
पुलिस शिकायत में कहा गया है कि जैन साइंटिफिक उद्योग के जिम्मेदार प्रबंधक श्रुजय वोरा और लक्ष्यांक विठलानी, महाकाल एंटरप्राइजेज के मित परमार और महिला बैंक प्रबंधक दीपिकाबेन वासा सहित अन्य ने झूठे दस्तावेज प्रस्तुत कर अपने परिचितों और अन्य लोगों के नाम पर ऋण स्वीकृत कराकर बैंक के साथ 93.15 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। ए डिवीजन पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। बैंक की शाखा प्रबंधक देविकाबेन वासा ने बताया कि 10 कारों के लिए ऋण स्वीकृत किए गए और दस्तावेजों की जांच किए बिना ही धनराशि वितरित कर दी गई।