एलआईसी का मुनाफा दिसंबर तिमाही में 17 प्रतिशत बढ़कर 11,056 करोड़ रुपये पर

एलआईसी का मुनाफा दिसंबर तिमाही में 17 प्रतिशत बढ़कर 11,056 करोड़ रुपये पर

नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 17 प्रतिशत बढ़कर 11,056 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का मुनाफा 9,444 करोड़ रुपये रहा था।

एलआईसी ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी शुद्ध प्रीमियम आय घटकर 1,06,891 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,17,017 करोड़ रुपये थी।

कंपनी की कुल आय भी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 2,01,994 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,12,447 करोड़ रुपये थी।

आलोच्य तिमाही के दौरान प्रबंधन व्यय घटकर 14,416 करोड़ रुपये रह गया, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 18,194 करोड़ रुपये था।

एलआईसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, “हमारा ध्यान और रणनीति गतिशील वातावरण में अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने उत्पाद और चैनल मिश्रण को बदलने की ओर निरंतर बनी हुई है।”

एकल स्वास्थ्य बीमाकर्ता में हिस्सेदारी लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रक्रिया जारी है और अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

उन्होंने कहा, “इसमें समय लगेगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे अंतिम रूप दिए जाने की संभावना नहीं है।”

एलआईसी इस समय एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी में हिस्सेदारी लेने की संभावना तलाश रही है।

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान एलआईसी का लाभ आठ प्रतिशत बढ़कर 29,138 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले इसी अवधि में 26,913 करोड़ रुपये था।

बीमाकर्ता कंपनी ने कहा कि पहले वर्ष की प्रीमियम आय (एफवाईपीआई) द्वारा मापी गई बाजार हिस्सेदारी के मामले में एलआईसी अप्रैल-दिसंबर, 2024 के लिए 57.42 प्रतिशत की कुल बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत में जीवन बीमा कारोबार में अग्रणी बनी हुई है।

कंपनी की कुल प्रीमियम आय भी अप्रैल-दिसंबर 2024 में 5.51 प्रतिशत बढ़कर 3,40,563 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के लिए 3,22,776 करोड़ रुपये थी।

दिसंबर, 2024 के अंत तक प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 10 प्रतिशत बढ़कर 54,77,651 करोड़ रुपये हो गईं, जबकि दिसंबर, 2023 के अंत में यह 49,66,371 करोड़ रुपये थीं।