बजट में छह नई योजनाओं की घोषणा के बाद कृषि शेयरों में सात प्रतिशत तक की तेजी

बजट में छह नई योजनाओं की घोषणा के बाद कृषि शेयरों में सात प्रतिशत तक की तेजी

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए छह नयी योजनाओं की घोषणाओं और सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को मौजूदा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने के बाद शनिवार को कृषि से जुड़े शेयरों में सात प्रतिशत की तेजी आई।

इन योजनाओं से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को लाभ होगा।

बीएसई पर कावेरी सीड कंपनी का शेयर 6.99 प्रतिशत बढ़कर 962.25 रुपये पर बंद हुआ। पारादीप फॉस्फेट्स 3.41 प्रतिशत बढ़कर 116.65 रुपये पर, मंगलम सीड्स 3.23 प्रतिशत बढ़कर 214 रुपये पर, नाथ बायो-जीन्स (इंडिया) 2.78 प्रतिशत बढ़कर 173.55 रुपये पर और बेयर क्रॉपसाइंस 0.55 प्रतिशत बढ़कर 5141.95 रुपये पर बंद हुआ।

इसके अलावा पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर 0.34 प्रतिशत बढ़कर 3,494.25 रुपये पर और यूपीएल का शेयर 0.17 प्रतिशत बढ़कर 604.30 रुपये पर बंद हुआ।

दूसरी ओर, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स 2.77 प्रतिशत की गिरावट के साथ 490.05 रुपये पर, धानुका एग्रीटेक 2.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,403.45 रुपये पर, टाटा केमिकल्स 2.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 964.45 रुपये पर और कोरोमंडल इंटरनेशनल 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,783.50 रुपये पर बंद हुआ।

बीएसई पर राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स का शेयर 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 161.05 रुपये पर और मेंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स का शेयर 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 167.10 रुपये पर बंद हुआ।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 5.39 अंक या 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 77,505.96 अंक पर बंद हुआ।

बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से छह नई योजनाओं की घोषणा की गई तथा सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से ऋण प्राप्त करने की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया।

सीतारमण ने कृषि को ‘विकास का पहला इंजन’ बताया और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रस्ताव किया। यह सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कम उत्पादकता, कम उपज वाले क्षेत्र (जिन स्थानों पर दो या तीन की जगह कम या केवल एक ही फसल ली जाती हो) और ऋण लेने के औसत मापदंडों से कम ऋण लेने वाले 100 कृषि-जिलों को लक्षित करना है।

ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार एक व्यापक ‘ग्रामीण समृद्धि और मजबूती’ कार्यक्रम लागू करेगी।

दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़े कदम के रूप में छह साल का मिशन अरहर, उड़द और मसूर उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा।

बिहार के मखाना क्षेत्र के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में सुधार के लिए एक समर्पित मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी।