सीतारमण ने पेश किया सुधारों को आगे बढ़ाने वाला बजट, मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में एक तरफ मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने की घोषणा की, वहीं दूसरी तरफ अगली पीढ़ी के सुधारों को खाका पेश किया है।
उन्होंने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। साथ ही कर स्लैब में भी बदलाव किया गया है। आयकर छूट नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले आयकरदाताओं को मिलेगी।
सीतारमण ने लोकसभा में अपना लगातार आठवां बजट पेश करते हुए अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका भी पेश किया। उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेश निवेश) की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने के साथ ही कर कानूनों को सरल बनाने का भी प्रस्ताव किया।
उन्होंने बजट में की गई तमाम घोषणाओं के बावजूद राजकोषीय मजबूती की राह को नहीं छोड़ा है। वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में बाजार से 11.54 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी।
सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं शुद्ध कर प्राप्ति 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है। उधारी को छोड़कर कुल प्राप्तियां 34.96 लाख रुपये रहने का अनुमान है।
इसके साथ, वित्त वर्ष 2024-25 में कुल व्यय का संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पूंजीगत व्यय 10.18 लाख करोड़ रुपये है। उधारी के अलावा कुल प्राप्ति का संशोधित अनुमान 31.47 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें शुद्ध कर प्राप्तियां 25.57 लाख करोड़ रुपये हैं।