अहमदाबाद :  चरस के साथ पकड़े गए तीन आरोपियों को 14 साल के कठोर कारावास की सजा 

अदालत ने बहुत गंभीर टिप्पणी की कि अगर नशीली दवाओं के खतरे पर अंकुश नहीं लगाया गया तो लोग घर में कैद हो जाएंगे

अहमदाबाद :  चरस के साथ पकड़े गए तीन आरोपियों को 14 साल के कठोर कारावास की सजा 

विशेष एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश भरत एल. चोइथानी ने साबरमती रेलवे स्टेशन से 23 किलो 859 ग्राम हशीश के साथ पकड़े गए आरोपी शाहिदुल हबीबुल रहमान, मोहम्मद रिजवान और मोहम्मद जीशान छोटे को 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि, अदालत ने बहुत गंभीर टिप्पणी की कि अगर नशे के खतरे पर अंकुश नहीं लगाया गया तो जिस तरह कई राज्यों में हर घर का सदस्य नशे का गुलाम बन गया है, पूरे देश में यही स्थिति पैदा हो जाएगी।

अदालत ने आगे कहा कि यदि यह जारी रहा तो किशोर, किशोरी और युवा वयस्क इस आदत में पड़ जाएंगे और स्वयं तथा तत्पश्चात अपने परिवार और समाज को हर तरह से विनाश की ओर ले जाएंगे। मानसिक स्वास्थ्य अस्पतालों और मनोचिकित्सकों के क्लीनिकों में आने वाले ऐसे मामलों का अध्ययन करने से पता चल सकता है कि नशे के आदी लोगों के लिए स्थिति कितनी भयावह है।

इस चौंकाने वाले मामले में एनसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अखिलभाई देसाई ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को मिली सूचना के आधार पर 27-7-2019 को आरोपियों ने साबरमती रेलवे स्टेशन पर आश्रम एक्सप्रेस ट्रेन के कोच में से आरोपी मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद जीसान छोटे के पास से दो बैग से 12 पैकेट मिले थे, जिसमें 23 किलो 859 ग्राम चरस की बड़ी मात्रा जब्त की गई थी।

जांच में पता चला कि उक्त दोनों आरोपियों को शाहिदुल हबीबुल रहमान ने यह मात्रा दी थी और उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। यह साबित हो चुका है कि आरोपी एक सिंडिकेट बनाकर बड़ी मात्रा में हशीश की तस्करी करते पकड़े गए थे। समाज में चरस और ड्रग्स सहित मादक पदार्थों की तस्करी और खपत में काफी वृद्धि हुई है और ऐसे मामलों में अदालत को सख्ती से काम करना चाहिए और आरोपियों को कठोर सजा देनी चाहिए।

इन दलीलों को स्वीकार करते हुए अदालत ने तीनों आरोपियों को 14-14 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और फैसले में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न तरीकों से यानी टायरों में, समुद्र के रास्ते, उड़ानों में, पेट में छुपाकर एवं वाहनों के जरिए कई स्थानों से बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है। जो कि बहुत गंभीर मामला है। यदि इस संबंध में अधिक जागरूकता, सतर्कता और सख्ती नहीं दिखाई गई तो स्थिति और खराब हो सकती है। नशीली दवाओं का सेवन किया जाता है और इसलिए उन्हें बेचा जाता है। इस बुराई पर अंकुश लगाने तथा नशीली दवाओं से संबंधित कानूनों के सख्त प्रावधानों का और अधिक प्रचार करने की आवश्यकता है।

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