गुजरात : कच्छ का गुनेरी गुजरात का पहला 'बायो डायवर्सिटी हेरीटेज साइट' घोषित
समतल भूमि पर 32.78 वर्ग हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रूव वन की तरह फैले हुए देखने को मिलता
पर्यटन और प्रकृति के क्षेत्र में देश-विदेश में प्रमुख स्थान रखने वाले 'कच्छ' ने एक और उपलब्धि हासिल की है। कच्छ के लखपत तालुका के गुनेरी गांव में 32.78 हेक्टेयर क्षेत्र को गुजरात जैव विविधता बोर्ड द्वारा 'जैव विविधता विरासत स्थल' घोषित किया गया है। इसके अलावा वन और पर्यावरण विभाग के तहत गुजरात जैव विविधता बोर्ड जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, वन और पर्यावरण विभाग के तहत गुजरात बायो डायवर्सिटी बोर्ड की जैविक विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व के भागरुप कच्छ जिले के लखपत तालुका के गुनेरी में स्थित 'इनलैंड मैंग्रोव गुनेरी' स्थल को गुजरात का पहला 'जैव विविधता विरासत स्थल' घोषित किया है।
मैंग्रूव विशेष रूप से समुद्र तट के किनारे वाले स्थानों पर पाए जाते हैं, जहां हर 24 घंटे में एक बार पानी आता-जाता है, तथा जहां हमेशा दलदल, यानी कीचड़ रहता है, वहीं देखने को मिलता है। लेकिन अरब सागर से 45 किमी अंतराल और कोरी क्रीक से 4 किमी दूर स्थित गुनेरी के मैंग्रूव में कभी पानी नहीं आता है। साथ ही कीचड़ और दलदल भी नहीं रहता, बल्कि समतल भूमि पर 32.78 वर्ग हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रूव वन की तरह फैले हुए देखने को मिलता है, जो अपने आप में एक अनूठी विशेषता है।
इसलिए लोगों को ऐसी समतल भूमि पर जंगल की तरह फैले मैंग्रूव के विशेष और अनोखे स्थान के बारे में जानना बहुत जरूरी है। ताकि इसका संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित किया जा सके इस उद्देश्य से गुजरात सरकार ने गुजरात जैवविविधता बोर्ड की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए कच्छ जिले के लखपत तालुका के “इनलैंड मैंग्रूव गुनेरी” स्थल को गुजरात का पहला ‘जैवविविधता विरासत बीएचएस स्थल’ के रुप में घोषित किया है। जिसमें गुजरात जैवविविधता बोर्ड की प्रबंधन योजना के माध्यम से इसके वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा।
इसके अलावा, स्थानीय लोगों के अधिकारों और विशेषाधिकारों का सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा, स्थानीय लोगों, वन विभाग के कर्मचारियों तथा स्थानीय वन एवं जनजातीय समुदायों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण के माध्यम से जैव विविधता का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाएगा।