सनातन धर्म का भविष्य और इसके महत्व पर धर्म गुरु आचार्य सतीश सद्गुरुनाथ जी महाराज के साथ विशेष साक्षात्कार

सनातन धर्म का भविष्य और इसके महत्व पर धर्म गुरु आचार्य सतीश सद्गुरुनाथ जी महाराज के साथ विशेष साक्षात्कार

मुंबई, 28 जनवरी: हाल ही के दिनों में भारत में सनातन धर्म पर विवादों और चर्चाओं ने जोर पकड़ा है। एक ओर जहां समाज में इसकी प्राचीनता और शाश्वतता को लेकर बहसें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर कई राजनेता और धार्मिक गुरुओं ने इस महान संस्कृति की रक्षा और प्रचार-प्रसार के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। ऐसे में पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सनातन धर्म पर गहन बातें साझा कीं। इस विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य प्रमुख हस्तियों से अपनी भेंटवार्ता और सनातन धर्म की व्यापकता पर प्रकाश डाला।

पत्रिका रिपोर्टर: महाराज जी, हाल ही में आपकी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात हुई। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य क्या था?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: हां, पिछले दिनों मेरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी से मुलाकात हुई। इस भेंट का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा और उसे समझने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा करना था। हमने महाराष्ट्र में हो रहे धार्मिक मुद्दों पर भी गहराई से विचार किया, जैसे मंदिरों में हो रही अनियमितताएं और हिन्दू आस्थाओं पर हो रहे हमले। मुख्यमंत्री जी ने इस बात को स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सनातन धर्म की पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति को आहत करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मेरा यह मानना है कि सनातन धर्म केवल एक धर्म नहीं, बल्कि यह एक जीवन दर्शन है, जो मानवता को उच्चतम शिखर पर ले जाता है।

पत्रिका रिपोर्टर: हाल ही में आपने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है। इन मुलाकातों में क्या चर्चा हुई?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु साय जी से मेरी मुलाकात भी इसी दिशा में थी। इन दोनों नेताओं ने भी सनातन धर्म के प्रति अपने गहरे आस्था और श्रद्धा का इज़हार किया। हमने मिलकर इस बात पर विचार किया कि कैसे सनातन धर्म की शिक्षाओं को समाज में अधिक प्रभावशाली तरीके से फैलाया जा सकता है। भजनलाल जी ने विशेष रूप से कहा कि राजस्थान जैसे ऐतिहासिक राज्य में, जहां संत-महात्माओं की साधना का गहरा प्रभाव है, वहां सनातन धर्म की महत्ता और बढ़ जाती है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु साय ने यह भी कहा कि आज की राजनीतिक व्यवस्था में आध्यात्मिक मार्गदर्शन की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।

पत्रिका रिपोर्टर: हाल के दिनों में सनातन धर्म को लेकर देश में कई तरह के विवाद सामने आए हैं। आप इसे कैसे देखते हैं?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: देखिए, विवाद हमेशा होते रहे हैं, लेकिन हमें समझना होगा कि सनातन धर्म उन सच्चाइयों में से है जो अनादिकाल से हैं और सदैव रहेंगी। यह धर्म केवल धार्मिक सीमाओं तक सीमित नहीं है, यह जीवन के हर पहलू को छूता है। हम देख रहे हैं कि कुछ लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि सनातन धर्म अपने आप में एक सार्वभौमिक सत्य है। चाहे वो नैतिकता हो, परंपराएं हों या धार्मिक आस्थाएं, सनातन धर्म ने सदा से ही समाज को एक दिशा दी है।

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पत्रिका रिपोर्टर: आपने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की थी। उस भेंट का अनुभव कैसा रहा?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: रामनाथ कोविंद जी से मेरी मुलाकात बहुत ही प्रेरणादायक रही। वे एक विद्वान और संवेदनशील नेता हैं, और उनके विचार सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी समझ को दर्शाते हैं। हमने इस मुलाकात में विशेष रूप से शिक्षा और आध्यात्मिकता पर चर्चा की। वे इस बात से सहमत थे कि भारत के युवाओं को केवल आधुनिक शिक्षा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए। क्योंकि यह हमारी पहचान और संस्कृति की जड़ों को मजबूत बनाए रखेगा।

पत्रिका रिपोर्टर: आपने बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बारे में कुछ बताएं?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: हां, हाल ही में अजय देवगन से मेरी मुलाकात हुई। वे सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था रखते हैं। हमारी बातचीत में हमने इस बात पर चर्चा की कि कैसे आज के युग में धर्म और मनोरंजन का मेल हो सकता है। धर्म और आध्यात्मिकता केवल मंदिरों या पूजा स्थलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू में होना चाहिए। मैंने उन्हें यह भी बताया कि वेदों और उपनिषदों की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी वे प्राचीन काल में थीं।

पत्रिका रिपोर्टर: आप देशभर में अपने प्रवचनों और आशीर्वाद से लाखों लोगों की ज़िंदगियों को प्रभावित कर रहे हैं। आगे की आपकी योजनाएं क्या हैं?

सद्गुरूनाथ जी महाराज: मेरी यही कोशिश है कि अधिक से अधिक लोग सनातन धर्म की गहराइयों को समझें और इसे अपने जीवन में अपनाएं। मैं चाहता हूं कि लोग केवल धर्म के बाहरी आडंबरों तक सीमित न रहें, बल्कि उसके आंतरिक सार को समझें। आगे मेरी योजना है कि देश के विभिन्न हिस्सों में और अधिक शिविर लगाकर लोगों को वेदों और उपनिषदों की शिक्षाओं से जोड़ूं। इसके अलावा, हम "रिश्तों की पाठशाला" नामक कार्यक्रम को भी विस्तार देना चाहते हैं, जिसमें हम परिवारों को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।

समाप्ति

इस साक्षात्कार से यह स्पष्ट होता है कि पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज न केवल एक आध्यात्मिक गुरु हैं, बल्कि वे समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके विचार और शिक्षाएं आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक हैं, खासकर जब देश में सनातन धर्म और उसकी प्राचीनता पर कई प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं।

गुरुदेव के प्रवचनों और मार्गदर्शन से समाज को न केवल आध्यात्मिक रूप से बल मिलेगा, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर की पुनः स्थापना में भी सहायक सिद्ध होगा। गुरुदेव के आशीर्वाद और ज्ञान से देशभर में लाखों लोग प्रेरित हो रहे हैं, और यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।

संपर्क जानकारी:

सद्गुरूनाथ धाम ट्रस्ट

फोन नंबर: +91 8090777776

वेबसाइट: www.sadhgurunath.com

इंस्टाग्राम: @acharyasatishsadhgurunath

 

 

 

 

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