‘एक देश, एक चुनाव’ पर बहस लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण : मोदी
नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर देश में जारी बहस को भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए ‘महत्वपूर्ण’ और युवाओं के भविष्य से जुड़ा विषय करार दिया तथा उनसे इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने तथा इसे बढ़ावा देने का आह्वान किया।
राजधानी दिल्ली स्थित के करिअप्पा परेड मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की वार्षिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह यह बात कही।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद काफी समय तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन फिर ये क्रम टूट गया, जिससे देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘हर चुनाव में मतदाता सूची अपडेट होती है, बहुत सारे काम होते हैं और इसमें अक्सर हमारे शिक्षकों की ड्यूटी लगती है। जिस कारण से पढ़ाई प्रभावित होती हैं। बार बार होने वाले चुनावों की वजह से शासन में भी मुश्किलें आती हैं। ’’
उन्होंने कहा कि इसलिए देश में ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बहस चल रही है और लोग अपने-अपने विचार रख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा और विधानसभों के चुनाव एक साथ कराने से व्यवधान दूर हो सकते हैं और अधिक केंद्रित शासन दृष्टिकोण को अमल में लाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के युवाओं से मैं आग्रह करता हूं कि आप जहां भी हों, इस बहस को आगे बढ़ाएं और बड़ी संख्या में इसमें हिस्सा लें क्योंकि ये आपके भविष्य से जुड़ा विषय है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा में भाग लेना भारत के भविष्य के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने के लिए आवश्यक है।
अन्य देशों की तुलना में भारत में बार-बार होने वाले चुनावों का जिक्र करते हुए, मोदी ने कहा कि अमेरिका में भी चुनावी चक्र व्यवस्थित है।
उन्होंने रेखांकित किया कि अमेरिका जैसे देशों में हर चार साल में चुनाव होते हैं और नई सरकार के गठन की तारीखें तय होती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को नवीन विचारों के साथ राजनीति में शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने लाल किले से कहा था कि एक लाख युवाओं को राजनीति में आना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या देश का सामर्थ्य तब बढ़ता है, जब वह अनावश्यक बाधाओं से पार पा लेता है।
उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं के सामने रहीं अनेक बाधाओं को बीते 10 वर्षों में हटाने का काम किया गया है और इससे युवाओं का सामर्थ्य बढ़ा है, देश का सामर्थ्य बढ़ा है।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस शिविर में कुल 2,361 एनसीसी कैडेटों ने भाग लिया, जिनमें 917 बालिका कैडेट भी शामिल थीं। यह संख्या के हिसाब से बालिका कैडेटों की अब तक की सर्वाधिक भागीदारी थी।
इस रैली में इन कैडेटों की भागीदारी नयी दिल्ली में महीने भर चलने वाले एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 के सफल समापन का प्रतीक भी होती है।
इस वर्ष की एनसीसी रैली का विषय ‘युवा शक्ति, विकसित भारत’ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों के गणतंत्र में भारत के संविधान ने हर समय देश को लोकतांत्रिक प्रेरणा दी और नागरिक कर्तव्यों का महत्व समझाया।
उन्होंने कहा, “इसी तरह एनसीसी ने भी हर समय भारत के नौजवानों को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दी और उन्हें अनुशासन का महत्व समझाया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा 21वीं सदी में भारत के साथ ही दुनिया के विकास को निर्धारित करने वाले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के युवा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक भलाई की ताकत हैं। आज दुनिया इस बात को मान रही है।’’
मोदी ने कहा कि 2014 में देश में एनसीसी कैडेटों की संख्या करीब 14 लाख थी।
उन्होंने कहा, “आज, यह संख्या लगभग 20 लाख है और उनमें से आठ लाख से अधिक लड़कियां कैडेट हैं।”
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद 800 से अधिक कैडेट्स द्वारा राष्ट्र निर्माण के प्रति एनसीसी की वचनबद्धता को दर्शाने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।