क्या गंगा में स्नान करने से गरीबी खत्म होगी? भाजपा वाले कैमरे के समक्ष डुबकी लगा रहे हैं: खरगे
महू (मप्र), 27 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को पूछा कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी समाप्त हो जाएगी? उन्होंने कटाक्ष किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं में कैमरे के समक्ष डुबकी लगाने की होड़ मची है।
मध्य प्रदेश के इस शहर में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा कि भाजपा नेता तब तक डुबकी लगाते रहते हैं जब तक कि यह कैमरे पर अच्छा न लगे (अच्छी तरह से फिल्माया न जा सके)। हालांकि उन्होंने जोर दिया कि वह यह कहकर किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को उनकी टिप्पणी से ठेस पहुंची हो तो वह इसके लिए माफी मांगते हैं।
खरगे ने कहा, “(नरेन्द्र) मोदी के झूठे वादों के जाल में मत फंसिए। क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी खत्म हो जाती है? क्या इससे आपका पेट भर जाता है? मैं किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठाना चाहता। अगर किसी को बुरा लगा हो तो मैं माफी मांगता हूं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे बताइए, जब एक बच्चा भूख से मर रहा है, स्कूल नहीं जा रहा है, मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, ऐसे समय में ये लोग हजारों रुपये खर्च कर रहे हैं और (गंगा में) डुबकी लगाने की होड़ में लगे हैं।’’
उन्होंने कहा कि वे तब तक डुबकी लगाते रहते हैं जब तक कि यह कैमरे पर अच्छा न दिखने लगे।
खरगे ने कहा, "ऐसे लोग देश का भला नहीं कर सकते। हमारी आस्था भगवान में है - लोग हर दिन घर में पूजा करते हैं, सभी महिलाएं पूजा करने के बाद अपने घरों से बाहर निकलती हैं, इसमें कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन हमें धर्म के नाम पर गरीबों के शोषण से समस्या है।”
शाह द्वारा प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के कुछ घंटों बाद कांग्रेस प्रमुख की यह टिप्पणी आई।
कुछ शीर्ष संतों के साथ शाह ने दोपहर करीब एक बजे डुबकी लगाई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अलग से डुबकी लगाई।
गृह मंत्री ने जूनापीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज और कुछ अन्य शीर्ष संतों के साथ बातचीत भी की।
महू रैली के दौरान खरगे ने राज्यसभा में शाह की टिप्पणी पर भी कटाक्ष किया, जिसके कारण संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हंगामा खड़ा हो गया था।
शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था, “ अभी एक फैशन हो गया है -- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्म तक स्वर्ग मिल जाता।”
इस टिप्पणी का हवाला देते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह की आलोचना की और कहा, "उन्होंने इतने पाप किए हैं कि वे 100 जन्म में भी स्वर्ग नहीं जा सकते।"