महाकुम्भ में बिछड़ों को उनके परिजनों से मिला रहा ‘खोया-पाया’ केन्द्र
महाकुम्भ नगर (उप्र), 20 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित डिजिटल महाकुम्भ 'खोया-पाया केंद्र' ने अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके दो बिछड़ों को मिलाकर अपनी दक्षता और मानवता के प्रति समर्पण को साबित किया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान के अनुसार, आधुनिक तकनीक और समर्पित प्रयासों के माध्यम से सेक्टर चार में दो गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों से इस केन्द्र ने मिलाकर अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया।
बयान में कहा गया है कि दो बच्चों सात वर्षीय धर्मजीत और छह वर्षीय विकास कुमार को पुलिस ने अलग-अलग इलाकों से ढूंढ़कर खोया-पाया केंद्र में लाया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सूचना उनके परिवारों तक जल्दी पहुंचे, उनकी तस्वीरें डिजिटल मंच और टीवी स्क्रीन पर प्रदर्शित की गईं।
परिवार के लोग सूचना मिलने पर केंद्र पहुंचे और पहचान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चों को पुलिस की मौजूदगी में सकुशल उनके सुपुर्द कर दिया गया। ये दोनों ही घटनाएं 15 जनवरी की हैं।
दोनों को ही पुलिस द्वारा झूंसी एरिया से ‘खोया-पाया’ केंद्र लाया गया। दोनों ने खुद को चैनपुर निवासी बताया।
बयान में कहा गया कि डिजिटल महाकुम्भ खोया-पाया केंद्र योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के कुशल प्रशासन और आधुनिक तकनीक के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
पूरे मेला क्षेत्र में कल 10 खोया पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं। यह केंद्र महाकुम्भ जैसे विशाल आयोजन में खोए हुए लोगों, विशेषकर बच्चों, को उनके परिवारों से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।