आरजी कर मामला: फैसले से मृतका के परिजन निराश, न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखने की बात कही
कोलकाता, 20 जनवरी (भाषा) कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार के बाद उसकी हत्या मामले में मृतका के परिजन ने सोमवार को कहा कि वे दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच अधूरे मन से की गई और अपराध में शामिल कई अन्य अपराधियों को बचा लिया गया।
उन्होंने कहा कि वे न्याय के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे।
मृत महिला चिकित्सक की मां ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम स्तब्ध हैं। यह कैसे यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में नहीं है। ड्यूटी पर तैनात एक चिकित्सक को बलात्कार के बाद मार डाला गया। हम निराश हैं। इस अपराध के पीछे बड़ा षड़यंत्र था।”
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ मामला नहीं है, जिसमें दोषी को मौत की सजा सुनाई जाए।
मृत चिकित्सक के पिता ने कहा कि वे तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक कि अन्य सभी अपराधियों को भी सजा नहीं मिल जाती।
सियालदह की एक अदालत ने पिछले वर्ष अगस्त में सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार व हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए सोमवार को उसे मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने राज्य सरकार को मृत चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।